डोरबेल बजाकर भागने वाले तीन किशोरों की हत्या के आरोपी भारतीय-अमेरिकी को उम्रकैद
न्यूयॉर्क(आईएएनएस)। भारतीय मूल के एक 45 वर्षीय व्यक्ति को जनवरी 2020 में हुई कार दुर्घटना में उसकी भूमिका के लिए बिना पैरोल के आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। कैलिफोर्निया प्रांत की उस घटना में तीन किशोरों की मौत हो गई थी, जिन्होंने उसके दरवाजे की घंटी बजाकर शरारत की थी और फिर भाग गये थे। अनुराग चंद्रा को हत्या के तीन मामलों, हत्या के प्रयास के तीन मामलों में दोषी ठहराया गया था, और इस अप्रैल में रिवरसाइड काउंटी अदालत कक्ष में जूरी सदस्यों द्वारा एक विशेष परिस्थिति में कई हत्याओं के आरोप को सही पाया गया था।
जांच से पता चला कि चंद्रा ने 19 जनवरी 2020 की रात टेमेस्कल कैनियन रोड पर जानबूझकर अपनी कार किशोरों के वाहन से टकरा दी थी। हादसे में मरने वालों की पहचान कोरोना के ड्रेक रुइज़ तथा डैनियल हॉकिन्स, और रिवरसाइड के जैकब इवास्कु के रूप में हुई है। तीनों 16 साल के थे। टोयोटा प्रियस का 18 वर्षीय ड्राइवर और 13 तथा 14 साल के दो अन्य लड़के घायल हो गए, लेकिन बच गए। छह किशोर प्रियस में थे जिन्हें चंद्रा ने जबरदस्ती सड़क से हटा दिया, जिसके परिणामस्वरूप कार सड़क के पूर्व की ओर एक पेड़ से टकरा गई।
चंद्रा दुर्घटनास्थल छोड़कर बिना घटना की सूचना दिए घर लौट आए। विज्ञप्ति में कहा गया है कि कैलिफोर्निया हाईवे पैट्रोल की जांच के अनुसार, लड़के रात में घूम रहे थे और अंततः उन्होंने अपने दोस्तों में से एक को "डोरबेल डिच" करने की चुनौती दी। वे पास के एक घर में चले गए। वहां पहुंचने पर, लड़कों में से एक ने मोडजेस्का समिट रोड पर एक घर की घंटी बजाई और वापस प्रियस की ओर भाग गया। घर पर रहने वाले चंद्रा ने अपनी 2019 इन्फिनिटी क्यू50 में प्रियस का पीछा किया। जैसे ही उसने पीड़ितों का पीछा किया। अंततः, स्क्वॉ माउंटेन रोड के पास चंद्रा ने अपनी गति 99 मील प्रति घंटे तक बढ़ा दी, फिर जानबूझकर अपनी कार प्रियस के पीछे से टकरा दी, जिससे वह सड़क से हटकर एक पेड़ से जा टकराई। मामले में 20 जनवरी 2020 को गिरफ्तारी के बाद से चंद्रा रिवरसाइड में रॉबर्ट प्रेस्ली डिटेंशन सेंटर में हिरासत में हैं।