श्रीलंका को आर्थिक संकट से उबारने में जुटा भारत, विदेश सचिव क्वात्रा राष्ट्रपति गोतबाया से मिले

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Update: 2022-06-23 13:51 GMT
ऐतिहासिक आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका को उबारने में भारत जुटा हुआ है। आर्थिक मदद के साथ ही रणनीतिक व अन्य मदद की मुहैया कराई जा रही है। ताजा हालात जानने के लिए विदेश सचिव विनय क्वात्रा के नेतृत्व में शीर्ष भारतीय अधिकारियों का एक दल कोलंबो पहुंचा। अधिकारियों ने राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे से मुलाकात की।
विदेश सचिव क्वात्रा की राष्ट्रपति राजपक्षे से श्रीलंका के मौजूदा हालात और भारत की ओर से दिए जा रहे सहयोग पर चर्चा हुई। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया कि क्वात्रा के साथ वित्त सचिव अजय सेठ, मुख्य आर्थिक सलाहकार अनंत नागेश्वरन भी मौजूद थे।
भारतीय अधिकारियों ने श्रीलंका में तेजी से आर्थिक पुनर्वास और निवेश बढ़ाने और आर्थिक संपर्क बढ़ाने के उपायों पर राष्ट्रपति गोतबाया के साथ चर्चा की। बागची ने कहा कि यह पहल भारत की 'पहले पड़ोसी' नीति को प्रदर्शित करती है। दोनों देशों ने आपसी संबंध और मजबूत करने की वचनबद्धता दोहराई।
मुलाकात के दौरान दोनों पक्षों के बीच सार्थक चर्चा हुई। क्वात्रा ने राजपक्षे से कहा कि भारत करीबी मित्र होने के नाते श्रीलंका की पूरी मदद करेगा, ताकि वह मुश्किल स्थिति से निकल सके। न्यूजफर्स्ट डॉ एलके वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार भारतीय अधिकारियों के दल ने श्रीलंका को पहले भेजी जा चुकी ईंधन, दवाओं, उर्वरक व अन्य आवश्यक सामान की खेप की समीक्षा की।
श्रीलंका 1948 में अपनी आजादी के बाद से सबसे भीषण आर्थिक संकट से जूझ रहा है। देश में खाने पीने के सामान, ईंधन, दवाओं आदि की भारी किल्लत हो गई है। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष से वह पांच अरब डॉलर की तत्काल सहायता मांग रहा है। आईएमएफ का एक प्रतिनिधि मंडल हालात का आकलन करने के लिए कोलंबो पहुंचने वाला है। पिछले माह श्रीलंका विदेशी कर्ज चुकाने में भी विफल रहा था।
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