भारत: आतंकवाद के खिलाफ गंभीरता से एकजुट हो अंतरराष्ट्रीय समुदाय
जबकि, कजाखस्तान के विदेश मंत्री राशिद मेरेदोव के साथ द्विपक्षीय मुद्दों और क्षेत्रीय सहयोग पर चर्चा की।
पाकिस्तान के खिलाफ परोक्ष हमला करते हुए भारत ने मंगलवार को कहा कि सीमा पार आतंकवाद कोई सरकारी चालबाजी नहीं बल्कि दहशतगर्दी का ही एक अन्य रूप है। इस बुराई को खत्म करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को उसी तरह गंभीरता के साथ एकजुट होना होगा जिस तरह से वह जलवायु परिवर्तन और कोरोना महामारी के खिलाफ एकजुट हुआ है।
एशिया में वार्ता और विश्वास निर्माण उपाय सम्मेलन (सीआइसीए) के विदेश मंत्रियों की छठी बैठक में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पाकिस्तान में निर्माणाधीन चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआइ) पर भी निशाना साधा। जयशंकर ने कहा कि आपसी संपर्क में संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए अंतरराष्ट्रीय संबंधों के सम्मान के सबसे बुनियादी सिद्धांत का पालन होना चाहिए। चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) के तहत बन रहे बीआरआइ का एक बड़ा हिस्सा गुलाम कश्मीर में पड़ रहा है जिसका भारत विरोध करता है।
जयशंकर ने आतंकवाद को शांति और विकास का सबसे बड़ा दुश्मन बताया। बैठक में उन्होंने किसी देश का नाम लिए बिना कहा, 'अगर शांति और विकास हमारा साझा लक्ष्य है तो आतंकवाद रूपी सबसे बड़े दुश्मन से हमें पार पाना होगा। आज और इस युग में हम एक देश द्वारा दूसरे देश के खिलाफ इसका इस्तेमाल किए जाने को सहन नहीं कर सकते। सीमा पार से संचालित होने वाला आतंकवाद कोई सरकार की चालबाजी नहीं है, बल्कि दहशतगर्दी का ही एक अन्य स्वरूप है।' विदेश मंत्री ने कहा कि आतंकवाद रूपी बुराई को खत्म करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को उसी तरह से एकजुट होना पड़ेगा जैसा कि वह कोरोना महामारी के खिलाफ हुआ है।
पालने वालों के पास लौटेगा आतंकवाद
पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए जयशंकर ने कहा कि कोई देश अतिवाद, कट्टरपंथ, ¨हसा और कट्टरता का इस्तेमाल अपने हितों को आगे बढ़ाने के लिए करता है तो उसकी सोच बहुत अदूरदर्शी है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद, उसे पालने और पनाह देने वालों के लिए भी मुसीबत बनकर लौटेगा।
अफगानिस्तान के हालात पर जताई चिंता
विदेश मंत्री ने कहा कि क्षेत्रीय अस्थिरता कोरोना महामारी को नियंत्रित करने के सामूहिक प्रयासों को कमजोर करेगी। इसलिए अफगानिस्तान के मौजूदा हालात गंभीर चिंता का कारण हैं। इस हफ्ते के शुरू में जयशंकर ने कहा कि भारत अफगानिस्तान के हालात पर नजर रख रहा है। उन्होंने तालिबान शासन से अंतरराष्ट्रीय समुदाय की उम्मीदों को पूरा करने के महत्व को भी रेखांकित किया था।
क्या है सीआइसीए ?
सीआइसीए एशिया में सुरक्षा और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए एक बहुराष्ट्रीय सहयोग मंच है। कजाखस्तान के नेतृत्व में इसकी स्थापना 1999 में की गई थी।
रूस और कजाखस्तान के विदेश मंत्रियों से मिले जयशंकर
जयशंकर ने रूस और कजाखस्तान के विदेश मंत्रियों से मुलाकात की। रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ उनकी द्विपक्षीय सहयोग में प्रगति पर चर्चा हुई और दोनों ने अफगानिस्तान एवं ¨हद-प्रशांत क्षेत्र के मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। जबकि, कजाखस्तान के विदेश मंत्री राशिद मेरेदोव के साथ द्विपक्षीय मुद्दों और क्षेत्रीय सहयोग पर चर्चा की।