UN में भारत ने कहा - पश्चिम एशिया शांति प्रक्रिया को ज्यादा समय के लिए टाला नहीं जा सकता

सीरिया में सीमा पार मानवीय सहायता के अभियानों के बीच आ रही बाधाओं को हटाने के लिए ठोस कदम उठाए जाने की जरूरत है।

Update: 2021-06-25 02:23 GMT

भारत ने गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कहा कि पश्चिम एशिया शांति प्रक्रिया को ज्यादा समय के लिए टाला नहीं जा सकता। इसके साथ ही भारत ने इजरायल और फलस्तीन के बीच सीधी बातचीत बहाल करने की जरूरत को भी रेखांकित किया। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की पश्चिम एशिया (फलस्तीन के मुद्दे समेत) पर हुई बैठक को संबोधित करते हुए विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) विकास स्वरूप ने सभी पक्षकारों से तनाव को कम करने और उकसावे से बचने का आग्रह किया।

उन्होंने कहा, शांति प्रक्रिया को लंबे समय तक टाला नहीं जा सकता। गतिरोध के कारण पक्षकारों के बीच विश्वास में कमी ही आती है और हिंसा की आशंका को बढ़ावा मिलता है। स्वरूप ने पश्चिम एशिया शांति प्रक्रिया को तत्काल बहाल करने तथा इजरायल और फलस्तीन के बीच सीधी बातचीत की जरूरत पर बल दिया।
उन्होंने कहा, भारत क्वार्टेट समेत सभी राजनयिक प्रयासों का समर्थन करता है जिनका लक्ष्य इस बातचीत को बहाल करने और शांति प्रक्रिया के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय की सामूहिक प्रतिबद्धता को मजबूत करना है।स्वतंत्र और लोकतांत्रिक फलस्तीन की स्थापना के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए स्वरूप ने कहा कि सार्थक और दीर्घकालिक शांति के लिए दो देश के समाधान का कोई विकल्प नहीं है।
भारत ने किया सीरिया को बिना शर्त सहायता मुहैया कराने का आह्वान
भारत ने सीरिया की जनता के लिए भेदभाव रहित, राजनीति से ऊपर उठकर और बिना किसी शर्त के मानवीय सहायता देने का आह्वान किया और कहा कि युद्ध की विभीषिका झेल रहे देश में दशकों की हिंसा और आतंक के कारण लाखों लोगों की स्थिति बदतर हुई है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की सीरिया (मानवीय मामलों) पर हुई बैठक में विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव (संयुक्त राष्ट्र राजनीतिक) प्रकाश गुप्ता ने कहा कि सीरिया में सीमा पार मानवीय सहायता के अभियानों के बीच आ रही बाधाओं को हटाने के लिए ठोस कदम उठाए जाने की जरूरत है।


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