भारत: सीरिया में कट्टरपंथ की रिपोर्ट गंभीर चिंता का विषय

भारत ने यह भी रेखांकित किया कि राजनीतिक घटनाक्रम को बाहरी कारकों द्वारा सीरियाई संप्रभुता के उल्लंघन से अलग नहीं किया जा सकता है।

Update: 2021-02-11 02:47 GMT

भारत ने कहा है कि युद्ध से जर्जर सीरिया में कट्टरपंथी विचारों का बढ़ना, आईएस द्वारा धन जुटाने के नए तरीके, प्रशिक्षण एवं अभियानों के लिए बाहरी उकसावे की रिपोर्टें गंभीर चिंता का विषय हैं। भारत ने यह भी रेखांकित किया कि राजनीतिक घटनाक्रम को बाहरी कारकों द्वारा सीरियाई संप्रभुता के उल्लंघन से अलग नहीं किया जा सकता है।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की सीरिया पर बंद कमरे में हुए बैठक के बाद यूएन में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने ट्वीट किया कि सीरिया के हालात खतरनाक हैं और इनसे आतंकवाद को हवा मिलेगी।
वैश्विक शांति व सुरक्षा के लिए आईएस के खतरे पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव की 12वीं रिपोर्ट का हवाला देते हुए तिरुमूर्ति ने कहा, यह रिपोर्ट बताती है कि उत्तर-पश्चिम सीरिया में आईएस के 11,000 लड़ाके हैं। उत्तर-पूर्वी सीरिया में आईएस के 11,000 पुरुष लड़ाके हैं जिनमें 5,000 सीरिया के, 1,700 विदेशी तथा 1,600 इराक के लड़ाके हैं। जबकि 2,500 लड़कों की राष्ट्रीयता की जानकारी तक नहीं है। उन्होंने कहा, सभी पक्षों को आतंकवाद से लड़ने के दायित्व का पालन करना चाहिए।
लीबिया : राजनीतिक प्रक्रिया का समर्थन
लीबिया नेतृत्व वाली राजनीतिक प्रक्रिया का समर्थन करते हुए भारत ने सभी पक्षों के बीच व्यापक चर्चा का आव्हान किया है। उत्तरी अफ्रीकी देश लीबिया में इस साल चुनाव होना है।
तिरुमूर्ति ने ट्वीट किया कि भारत ने लीबिया में एकीकृत अंतरिम कार्यकारिणी प्राधिकार के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा अध्यक्षीय बयान का स्वागत किया है। उन्होंने कहा, हम लीबिया में राजनीतिक प्रक्रिया का समर्थन करते हैं।



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