नई दिल्ली: सरकार ने सैन्य ड्रोन (Military Drones) के भारतीय निर्माताओं को चीन में बने पार्ट्स का उपयोग करने से मना कर दिया है. केंद्र सरकार ने सैन्य ड्रोन के निर्माण में चीनी पुर्जों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है. रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, सुरक्षा कमजोरियों पर गंभीर चिंताओं के बाद यह निर्णय लिया गया. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, देश की सुरक्षा में चीनी पुर्जों के इस्तेमाल को लेकर कई अधिकारी चिंतित थे. उनकी चिंता यह थी कि ड्रोन के कम्युनिकेशन फंक्शन, कैमरों, रेडियो ट्रांसमिशन और ऑपरेटिंग सॉफ्टवेयर में चीनी निर्मित पार्ट्स द्वारा खुफिया जानकारी एकत्र करके सुरक्षा से खिलवाड़ किया जा सकता है.
बता दें कि चीन पर कई देश पहले ही जासूसी का आरोप लगा चुके हैं. अमेरिकी एयरस्पेस में चीन का एक जासूसी गुब्बारा तक मिला था जिसके बाद कई देशों ने चीन के खिलाफ कड़े कदम उठाए थे. कई तरह के हथकंड़ों से जासूसी करने के आरोप चीन पर लगते रहे हैं. अब सुरक्षा जोखिमों को भांपते हुए केंद्र सरकार ने सैन्य ड्रोन से चीन निर्मित पुर्जे हटाने का फैसला किया है.
भारत और चीन के बीच स्थिति वैसे ही तनावपूर्ण है ऐसे में चीनी पुर्जे वाले कैमरे सुरक्षा के लिहाज से खतरनाक साबित हो सकते हैं. इससे पहले कई देश चीन पर इस तरह का एक्शन ले चुके हैं. इन देशों में ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, ब्रिटेन जैसे कई देश शामिल हैं. अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया चीनी ब्रांड के कई कैमरों और इंटरफेस पर बैन लगा चुके हैं. इससे पहले 2019 में, पेंटागन ने चीन में बने ड्रोन और पुर्जों की खरीद और उपयोग पर भी प्रतिबंध लगाया था.