भारत-ऑस्ट्रेलिया सहयोग से स्वतंत्र व मुक्त हिंद-प्रशांत सुनिश्चित करने में मदद मिली-S Jaishankar

Update: 2022-10-11 13:58 GMT

सिडनी: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के रक्षा व सुरक्षा सहयोग ने स्वतंत्र एवं मुक्त हिंद-प्रशांत सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. ऑस्ट्रेलिया की दो दिवसीय यात्रा पर आए जयशंकर ने मंगलवार को कुछ समय ऑस्ट्रेलियाई सशस्त्र बलों के साथ बिताया.

भारत, अमेरिका और कई विश्व ताकतें इस क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य मौजूदगी के बीच स्वतंत्र, मुक्त व संपन्न हिंद-प्रशांत क्षेत्र सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही हैं. जयशंकर ने एक तस्वीर साझा करते हुए लिखा कि ऑस्ट्रेलियाई सशस्त्र बलों के साथ सुबह सार्थक समय बिताया. हमारे रक्षा व सुरक्षा सहयोग ने स्वतंत्र एवं मुक्त हिंद-प्रशांत सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है.

कृत्रिम द्वीप और सैन्य प्रतिष्ठान भी स्थापित किए:

चीन लगभग पूरे विवादित दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है, हालांकि ताइवान, फिलीपीन, ब्रुनेई, मलेशिया और वियतनाम भी इसके कुछ हिस्सों पर अपना दावा करते हैं. चीन ने दक्षिण चीन सागर में कृत्रिम द्वीप और सैन्य प्रतिष्ठान भी स्थापित किए हैं. ऑस्ट्रेलिया की अपनी समकक्ष पेनी वोंग के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में सोमवार को जयशंकर ने कहा था कि उनके साथ द्विपक्षीय व वैश्विक मुद्दों पर बेहद सार्थक व सहज बातचीत की.

हम आकार देना चाहते हैं उसमें यह साझेदारी महत्वपूर्ण:

वहीं वोंग ने कहा था कि भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों का मानना है कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र को आर्थिक व रणनीतिक दोनों रूप से एक ''नया आकार'' दिया जा रहा है और इसमें भारत के साथ साझेदारी अहम है. उन्होंने कहा था कि हम भारत और ऑस्ट्रेलिया की साझेदारी के साथ-साथ दूसरों के साथ काम करके ही इस क्षेत्र का वैसा निर्माण कर सकते हैं, जैसा हम चाहते हैं. इस क्षेत्र को जो हम आकार देना चाहते हैं उसमें यह साझेदारी महत्वपूर्ण है.

भवन को तिरंगे की रोशनी में सजाया गया था:

विदेश मंत्री के स्वागत में रविवार को ऑस्ट्रेलिया के कैनबरा शहर में पुराने संसद भवन को तिरंगे की रोशनी में सजाया गया था. यह जयशंकर की ऑस्ट्रेलिया की दूसरी यात्रा है. इससे पहले वह फरवरी 2022 में 'क्वाड' के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने मेलबर्न आए थे. 'क्वाड' एक चार पक्षीय सुरक्षा वार्ता है, जिसमें भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं.

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