UNGA में अमेरिका नहीं, बल्कि इस देश के राष्‍ट्रपति पहले देते हैं भाषण, जानिए महासभा के कुछ रोचक तथ्‍य

UNGA में इस देश के राष्‍ट्रपति पहले देते हैं भाषण

Update: 2021-09-23 16:51 GMT

इस समय न्‍यूयॉर्क (New York) में संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा (United Nations General Assembly, UNGA) का 76वां सत्र चल रहा है. हर साल उंगा का आयोजन किया जाता है और इस दौरान ग्‍लोबल लीडर्स अलग-अलग मुद्दों पर अपनी राय रखते हैं. यूएन के स्‍थायी सदस्‍य अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन, चीन और रूस के अलावा भारत और पाकिस्‍तान जैसे देशों के राष्‍ट्राध्‍यक्ष यहां पर मिलते हैं.

अमेरिका दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश है मगर आप जानकर हैरान हो जाएंगे कि पहली स्‍पीच ब्राजील के राष्‍ट्राध्‍यक्ष की होती है. UNGA के कई ऐसे फैक्‍ट्स हैं जिनके बारे में जानना आपके लिए बहुत जरूरी है. आइए एक नजर डालिए ऐसे ही कुछ फैक्‍ट्स पर.
5 दिनों तक चलती है आम सभा
महासभा की ओपनिंग ब्राजील के राष्‍ट्रपति के संबोधन के साथ होती है. 5 दिनों तक चलने वाली महासभा में अमेरिका की जगह ब्राजील के राष्‍ट्रपति का ओपनिंग रिमार्क सुनकर आप भी हैरान हो सकते हैं कि भला ऐसा क्‍यों है. आखिर क्‍यों मेजबान देश की जगह ब्राजील जैसे देश को पहले मौका मिलता है? इसकी वजह जानकर आपको हंसी भी आएगी और आश्‍चर्य भी होगा. साल 2010 में एनपीआर को दिए इंटरव्‍यू में यूएन के प्रोटोकॉल चीफ डेसमेंड पार्कर ने इसकी वजह बताई थी.

उन्‍होंने कहा था, 'जिस समय उंगा की शुरुआत हुई, उस समय कोई भी राष्‍ट्राध्‍यक्ष ऐसा नहीं था जो पहले भाषण देना चाहता हो. मगर ब्राजील हमेशा रेडी रहता था. उसकी तरफ से हमेशा पहले स्‍पीच की पेशकश की जाती थी.' उन्‍होंने बताया कि इस वजह से साल 1955 से आज तक ये परंपरा चली आ रही है. तब से ही ब्राजील को हमेशा पहले बोलने का मौका मिलता है.
अगर समय पर नहीं पहुंचते राष्‍ट्राध्‍यक्ष
ब्राजील के बाद अमेरिका का नंबर आता है और इसके बाद कौन बोलेगा इसका फैसला सदस्‍य देशों की तरफ से आए प्रतिनिधिमंडल, पसंद और दूसरे विकल्‍पों जैसे भौगोलिक संतुलन को देखकर लिया जाता है. आमतौर पर अगर राष्‍ट्राध्‍यक्ष नहीं पहुंचता है तो फिर बोलने का मौका नहीं मिलता है. लेकिन अगर राष्‍ट्राध्‍यक्ष जैसे ब्रिटेन के प्रधानमंत्री या जर्मनी के चांसलर आए हैं तो फिर उन्‍हें भी मौका नहीं मिलेगा. विदेश मंत्री या फिर दूसरे उप मंत्रियों को फिर राष्‍ट्राध्‍यक्ष की जगह बोलने का मौका दिया जाएगा.

सबसे लंबा भाषण किसका
UNGA में जब कभी कोई राष्‍ट्राध्‍यक्ष या फिर किसी देश का प्रतिनिधि स्‍पीच के लिए आता है तो उसे अपनी समय सीमा का खास ध्‍यान रखना होता है. यहां पर भाषण की अधिकतम समय सीमा 15 मिनट तक है. लेकिन यह सिर्फ स्‍वैच्छिक है और कई नेता इस पर ध्‍यान नहीं देते हैं. अमेरिका के पूर्व राष्‍ट्रपति बराक ओबामा ने यहां पर साल 2016 में 47 मिनट तक भाषण दिया, 2015 में 43 मिनट और 2014 में उनकी स्‍पीच 39 मिनट की थी.

सबसे लंबा भाषण उंगा में क्‍यूबा के शासक रहे फिदेल कास्‍त्रो का था. कास्‍त्रो ने साल 1960 में 269 मिनट का लंबा भाषण दिया था. इसके अलावा 1960 में निकिता कुरुशेव ने 140 मिनट और 2009 में लीबिया के तानाशाह मुअम्‍मर अल गद्दाफी ने 96 मिनट का भाषण दिया था.

हालांकि भारत के रक्षा मंत्री रहे वीके कृष्‍णा मेनन के नाम पर भाषण देने का रिकॉर्ड दर्ज है. मेनन ने साल 1957 में 7 घंटे 48 मिनट तक बोलकर नया रिकॉर्ड कायम किया था. मगर उनका यह भाषण यूनाइटेड नेशंस सिक्‍योरिटी काउंसिल (UNSC) के लिए था. यूरोपियन यूनियन (EU) की तरफ से भी वेटिकन और फिलीस्‍तीन की तरह स्‍पीकर्स भेजे जाते हैं. उंगा का भाषण अरबी, चीनी, अंग्रेजी, रूसी और स्‍पेनिश भाषा में ट्रांसलेट किया जाता है.
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