संबोधन में शी जिनपिंग ने छेड़ा ताइवान का राग, तिब्बत में नई चालबाजी दिखा रहा चीन

चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपने नए साल के संबोधन में ताइवान के एकीकरण को नई आकांक्षा के रूप में हरी झंडी दिखाई। इस दौरान उन्होंने सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की उपलब्धियों पर भी प्रकाश डाला।

Update: 2022-01-01 01:16 GMT

चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपने नए साल के संबोधन में ताइवान के एकीकरण को नई आकांक्षा के रूप में हरी झंडी दिखाई। इस दौरान उन्होंने सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की उपलब्धियों पर भी प्रकाश डाला। शी ने नए साल की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा कि हमारी मातृभूमि का पूर्ण एकीकरण ताइवान स्ट्रेट की साझा आकांक्षा है।

शी जिनपिंग के ताइवान संदर्भ को इसलिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि अमेरिका, यूरोपीय संघ और अन्य पश्चिमी देशों का ताइपे को समर्थन है। यह समर्थन बीजिंग के लिए चिंता का विषय है। शी ने अपने 10 मिनट के भाषण में कम्युनिस्ट पार्टी के 100 साल पूरे होने पर प्रकाश डाला।
चीन में विश्वसनीयता की समस्या : रिपोर्ट
दाइचे वेले की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन शासन की विश्वसनीयता राज्यों को नियंत्रित तरीकों के चलते बहुत अच्छी नहीं है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन में मीडिया पर जिस तरह से सेंसरशिप लगी है और यहां की सेना जिस तरह से नागरिक सेवाओं में बाधा डालती है उससे चीन के भरोसे पर कई सवाल उठते हैं। चीन में जिस तरह टेनिस स्टार पेंग शुआई अथवा उइगरों के साथ बर्ताव हुआ है उससे चीनी विश्वसनीयता कठघरे में खड़ी होती है।
तिब्बती जनसांख्यिकी बदलने के लिए बच्चों को शिविरों में भेज रहा चीन
चीनी अफसरों ने तिब्बती बच्चों को कथित तौर पर विशेष शिविरों में भेजना शुरू कर दिया है, ताकि उन्हें एक विश्व-दृष्टिकोण दिया जा सके। चीन इन बच्चों को मिलिशिया में शामिल करना भी चाहता है और शिविरों में भेजकर उन्हें इसके लिए तैयार करने का बुनियादी सैन्य प्रशिक्षण देने की उसकी योजना है।
तिब्बती मीडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक चीनी कम्युनिस्ट पार्टी तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र की जनसांख्यिकी को बदलने के मकसद से इन नीतियों पर काम कर रही है। ऐसी खबरें हैं कि आठ या नौ साल की उम्र के बच्चों को प्रबोधन (इंडॉक्ट्रिनेशन) सुविधाओं के लिए भेजा गया है। इसका मकसद अधिक से अधिक तिब्बतियों को सेना में भर्ती के लिए प्रोत्साहित करना है ताकि स्थानीय आबादी के भीतर चीन के खिलाफ प्रतिरोध पर नियंत्रण पाया जा सके।
इस साल दिसंबर में तिब्बत एक्शन इंस्टीट्यूट ने एक रिपोर्ट जारी करबताया था कि तिब्बत में चीनी अफसरों ने तिब्बती बच्चों को माता-पिता से अलग करने और उनकी अपनी भाषा व संस्कृति से संपर्क को कम करने के लिए बोर्डिंग स्कूलों का एक विस्तृत नेटवर्क तैयार किया है।
तिब्बती सभ्यता खत्म करना है मकसद
अनुमान है कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) ने देश के गुप्त स्थानों में जारी श्रम कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के लिए करीब पांच लाख से ज्याद तिब्बतियों को मजबूर किया है। चीन ने पहले ही बड़े पैमाने पर गलत सूचना अभियान और ऐतिहासिक सत्य को विरूपित करते हुए तिब्बती सभ्यता को विलुप्ति के कगार पर ला दिया है। चीन की कोशिश है कि वह तिब्बती संस्कृति को खत्म कर दे, ताकि चीन का विरोध बंद हो जाए।

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