नए शोध में वैज्ञानिकों बताया, नजर कमजोर होने का पहले लगेगा पता

यदि उनमें जोखिम (रिस्क फैक्टर) वाले जीन थे, उनकी रेटिना पतली थी।

Update: 2021-12-13 10:23 GMT

उम्र के साथ नजर कमजोर होना सामान्य विकार है। लेकिन यदि उसके कारणों का पता चल जाए तो रोकथाम की कोशिशें आसान हो सकती हैं। इसी दिशा में एक नए अध्ययन में बताया गया है कि बढ़ती उम्र के साथ मैक्युला में होने वाले क्षरण का पता नजर कमजोर होने से पहले ही लग सकता है। यह अध्ययन साइंटिफिक रिपोर्ट्स जर्नल में प्रकाशित हुआ है।

बता दें कि मैक्युला - आंख के रेटिना का एक हिस्सा है, जो स्पष्ट दृष्टि में मददगार होता है। इसका क्षरण आम तौर पर 50 साल की उम्र के बाद शुरू हो जाता है। मतलब सूखने लगता है, जिससे यह पतला होता है और इस कारण देखने में धुंधलापन होता है या नजर कमजोर होने लगती है।
यूनिवर्सिटी आफ साउथम्पटन की एक शोध टीम ने किंग्स कालेज लंदन तथा मूरफील्ड्स आइ हास्पिटल के सहयोगियों के साथ मिलकर 30 हजार रोगियों के डाटा का अध्ययन किया। इन सभी के रेटिना स्कैन और जीनेटिक डाटा यूके बायोबैंक में संग्रहित किए गए थे। शोधकर्ताओं के मुताबिक, बढ़ती उम्र के कारण मैक्युलर डिजेनरेशन (एएमडी) के 34 ज्ञात रिस्क फैक्टर हैं। शोध टीम ने इसके आधार पर रेटिना की स्थिति का तुलनात्मक अध्ययन किया। इसमें पाया गया कि जिन लोगों की आंखें स्वस्थ थीं और उनमें एएमडी की कोई पृष्ठभूमि नहीं थी, लेकिन यदि उनमें जोखिम (रिस्क फैक्टर) वाले जीन थे, उनकी रेटिना पतली थी।


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