विकासशील देशों में लड़कियों को स्कूलों मेें पढ़ाई और महिलाओं को नौकरियां दिलाने के लिए करीब 1.10 लाख करोड़ रुपये खर्च करेंगे अमेरिका समेत 7 देश
10 साल की उम्र तक करीब दो करोड़ और लड़कियों की पढ़ाई के लक्ष्य पर दस्तखत करेंगे।
दुनिया के विकसित राष्ट्रों के समूह जी-7 सम्मेलन में विकासशील देशों में लड़कियों को स्कूलों मेें पढ़ाई और महिलाओं को नौकरियां दिलाने के लिए करीब 1.10 लाख करोड़ रुपये खर्च करने पर सहमति बनी। लंदन में जी-7 के विदेश और विकास मंत्रियों की बैठक की शुरुआत में ही अमेरिका, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ ने यह प्रतिबद्धता जताई है।
जी-7 के विदेश मंत्रियों की बैठक में बनी सहमति, जयशंकर भी सम्मेलन में हिस्सा लेने लंदन पहुंचे
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर भी इस सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए सोमवार को लंदन पहुंचे। सम्मेलन में भारत के साथ ही ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया, दक्षिण अफ्रीका और आसियान देशों के अध्यक्ष को न्योता दिया गया है।
दरअसल, यह न्योता हिंद-प्रशांत क्षेत्र के देशों के साथ रिश्तों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए दिया गया है, जो ब्रिटेन की विदेश नीति का हिस्सा है। ब्रिटिश विदेश मंत्री डॉमिनिक राब ने कहा, लड़कियों को 12 की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित कराने और महिलाओं को आय का साधन मुहैया कराने में कुछ निवेश से ही हम दुनिया बदल सकते हैं।
दो साल में खर्च की जाएगी यह रकम
1.10 लाख करोड़ रुपये की यह रकम दो साल में खर्च की जाएगी। इससे कोरोना महामारी के चलते खस्ता वित्तीय हालत से जूझ रही दुनिया में कारोबार के माहौल बनाने और विकासशील देशों में महिलाओं को नौकरियां मुहैया कराने में मदद मिलेगी।
2026 तक चार करोड़ लड़कियों को स्कूलों में दाखिला का लक्ष्य
इस सम्मेलन में जी-7 देशों के मंत्री 2026 तक निमभन और निमभन मध्यम आय वाले देशों में 4 करोड़ लड़कियों को स्कूलों में दाखिला कराने के नए वैश्विक लक्ष्य और 10 साल की उम्र तक करीब दो करोड़ और लड़कियों की पढ़ाई के लक्ष्य पर दस्तखत करेंगे।