इमरान की पार्टी ने दोबारा सुनवाई के लिए शीर्ष अदालत में याचिका दायर की

Update: 2023-08-08 05:16 GMT

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी ने अपने अध्यक्ष एवं पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की रिहाई के लिए सोमवार को कानूनी लड़ाई शुरू की। साथ ही पार्टी ने उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर करके तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में उनके खिलाफ फिर से मुकदमा चलाने का अनुरोध किया। अतिरिक्त एवं सत्र न्यायाधीश (एडीएसजे) हुमायूं दिलावर ने 70 वर्षीय खान को सरकारी उपहारों की बिक्री से प्राप्त आय की घोषणा नहीं करने का दोषी ठहराते हुए शनिवार को तीन साल की सजा सुनाई थी। याचिका संविधान के अनुच्छेद 184(2) के तहत दायर की गई और इस आधार पर तोशाखाना मामले की दोबारा सुनवाई करने का अनुरोध किया गया कि खान के खिलाफ इस मामले में निष्पक्ष सुनवाई नहीं की गई। याचिका में कहा गया है, ‘‘अनुच्छेद 10ए के तहत एक मौलिक अधिकार, निष्पक्ष सुनवाई के अधिकार से पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को तोशाखाना मामले में वंचित किया गया है।’’

याचिकाकर्ता ने दलील दी कि निर्णय न केवल जल्दबाजी में पारित किया गया था, बल्कि इसे खान की अनुपस्थिति में सुनाया गया और यह इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) के निर्देशों की पूरी तरह से अवहेलना है। यह स्पष्ट नहीं है कि याचिका पर शीर्ष अदालत कब सुनवाई करेगी। देश की शीर्ष अदालत का रुख करने के अलावा, खान के वकील नईम हैदर पंजोथा ने जेल में बेहतर सुविधाएं यानी ए-श्रेणी की सुविधाएं दिये जाने के अनुरोध के साथ इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की। यह कदम पार्टी के कार्यवाहक प्रमुख शाह महमूद कुरेशी के उस दावे के बाद उठाया गया है, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि खान को जेल में वर्तमान में बी-श्रेणी की सुविधाएं दी जा रही हैं। ‘डॉन’ अखबार ने बताया कि जेल नियमों के अनुसार, दोषी कैदियों को उच्च श्रेणी, सामान्य श्रेणी और राजनीतिक श्रेणी में वर्गीकृत किया गया है।

इस बीच, पंजोथा ने याचिका में यह भी अनुरोध किया कि खान को उनकी कानूनी टीम, परिवार के सदस्यों, निजी चिकित्सक डॉ. फैसल सुल्तान और राजनीतिक सहयोगियों से नियमित रूप से मिलने की अनुमति दी जाए। उन्होंने अदालत को सूचियां भी उपलब्ध करायीं। याचिका में कहा गया है कि खान को नौ गुणे 11 फुट की कोठरी में रखा गया है। इसमें कहा गया है कि यह कमरा एक गंदी कोठरी है जिसे पारंपरिक रूप से आतंकवादियों के लिए है।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारी पूर्व प्रधानमंत्री के साथ एक अपराधी की तरह व्यवहार कर रहे हैं और उन्हें दुर्भावनापूर्ण कारणों और सरकार के दबाव में छोटी और तंग बैरक में रखा गया है। याचिका में वकील ने यह भी दावा किया कि यह उल्लेखित नहीं किया गया है कि खान को किस कानून के तहत अटक जेल ले जाया गया, जबकि निचली अदालत के गिरफ्तारी वारंट से यह बात सामने आयी थी कि उन्हें अडियाला जेल में रखा जाना चाहिए। पंजोथा ने बाद में मीडिया को बताया कि उन्होंने अटक जेल में खान से 1:45 मिनट तक मुलाकात की और उनके साथ विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।

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