पंजाब सरकार द्वारा सुरक्षा हटाए जाने के बाद इमरान खान के समर्थक उनके घर के बाहर जमा हो गए

पंजाब सरकार द्वारा सुरक्षा हटाए जाने

Update: 2023-01-26 13:39 GMT
पाकिस्तान के अपदस्थ प्रधानमंत्री इमरान खान के समर्थक सुरक्षा प्रदान करने और उनकी संभावित गिरफ्तारी का विरोध करने के लिए गुरुवार को यहां उनके आवास के बाहर एकत्र हुए, कुछ दिनों पहले पंजाब प्रांत की कार्यवाहक सरकार ने हत्या के प्रयास के बाद उन्हें प्रदान की गई अतिरिक्त सुरक्षा वापस ले ली थी।
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के प्रमुख खान को नवंबर में मुहैया कराई गई अतिरिक्त सुरक्षा मंगलवार रात हटा ली गई।
एक सरकारी अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया, मुख्यमंत्री मोहसिन नकवी के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने खान और पूर्व मुख्यमंत्री तथा खान के सहयोगी चौधरी परवेज इलाही की अतिरिक्त पुलिस सुरक्षा वापस ले ली है।
उन्होंने कहा कि खान के जमान पार्क लाहौर स्थित आवास पर तैनात खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कमांडो को भी विधानसभा भंग करने और वहां कार्यवाहक सेटअप स्थापित करने के बाद वापस ले लिया गया है।
पीटीआई प्रमुख की पंजाब प्रांत के वजीराबाद इलाके में पिछले साल नवंबर में एक बंदूक हमले के बाद सुरक्षा बढ़ा दी गई थी।
पीटीआई पंजाब के वरिष्ठ नेता मुसर्रत चीमा ने कहा कि पार्टी के कई कार्यकर्ता खान के आवास के बाहर तैनात हैं।
चीमा ने पीटीआई-भाषा से कहा, ''खान साहब को गिरफ्तार करने की किसी भी संभावित कोशिश का विरोध करने के लिए बड़ी संख्या में पीटीआई कार्यकर्ता पिछले दो दिनों से उनके आवास के बाहर डेरा डाले हुए हैं।''
उन्होंने कहा कि पीटीआई नेतृत्व के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए एक 'कठपुतली' कार्यवाहक मुख्यमंत्री लगाया गया है।
चीमा ने कहा कि पीटीआई कार्यकर्ता न केवल खान को सुरक्षा प्रदान करेंगे बल्कि सरकार को उन्हें गिरफ्तार करने से भी रोकेंगे।
बुधवार को पुलिस ने पीटीआई के वरिष्ठ नेता फवाद चौधरी को "संवैधानिक संस्था के खिलाफ हिंसा भड़काने" के आरोप में तड़के छापे के दौरान गिरफ्तार किया।
पूर्व गृह मंत्री शेख रशीद ने कहा कि इस बात की संभावना है कि इमरान खान को जहर दिया जा सकता है।
राशिद ने कहा, 'मैंने खान से बहुत सावधान रहने को कहा है क्योंकि उनके खाने में जहर देने की साजिश रची जा रही है।'
रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने हालांकि दावा किया कि खान को गिरफ्तार करने की सरकार की कोई योजना नहीं है।
इससे पहले, खान ने कहा कि उन्होंने पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा में पार्टी की सरकारों का त्याग किया क्योंकि देश को स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव की जरूरत थी।
उन्होंने मांग की कि न्यायपालिका यह सुनिश्चित करे कि विधानसभा भंग होने के 90 दिनों के भीतर पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा में आम चुनाव हों।
उन्होंने कहा कि अगर इस देश में संविधान और कानून है, तो चुनाव 90 दिनों से आगे नहीं बढ़ सकता है और उन्होंने पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश से इस मामले को देखने का आग्रह किया।
खान ने कहा कि वह यह देखकर स्तब्ध हैं कि सैन्य प्रतिष्ठान ने कैसे उन (शरीफ और जरदारी) का पक्ष लिया जो पिछले तीन दशकों से देश को लूट रहे थे।
दो प्रांतों पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा में प्रांतीय विधानसभाओं को पीटीआई पार्टी द्वारा इस महीने समय से पहले ही भंग कर दिया गया था ताकि इस्लामाबाद में संघीय सरकार को जल्द आम चुनाव कराने के लिए मजबूर किया जा सके।
हालांकि, संघीय सरकार ने दबाव के आगे झुकने से इनकार कर दिया और इस साल अगस्त के बाद से अब तक समय पर चुनाव कराने पर अड़ी रही है।
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