पाकिस्तान में इमरान खान की विदाई: नए प्रधानमंत्री के सामने होगा इन चुनौतियों का बाउंसर, जानें
नई दिल्ली: पाकिस्तान में इमरान खान की सरकार सत्ता से बाहर हो गई है. शाहबाज शरीफ देश के नए प्रधानमंत्री होंगे. कई दलों के गठजोड़ से बनने वाली नई सरकार की चुनौतियां राजनीतिक सामंजस्य कायम करने तक सीमित नहीं रहेंगी. बल्कि शाहबाज शरीफ की सरकार को आर्थिक मोर्चों पर कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा.
राजनीतिक उठा-पटक की आर्थिक कीमतः पाकिस्तान में पिछले कुछ समय से राजनीतिक उठा-पटक जारी थी. देश में पिछले कुछ समय से जारी राजनीतिक अनिश्चितता का असर आर्थिक गतिविधियों पर पड़ा है. देश में राजनीतिक खींचतान का माहौल ऐसे समय में देखने को मिला जब रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) की वजह से पूरी दुनिया में अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई थी. ऐसे में देश में सियासी खींचतान का और अधिक असर देखने को मिला. शाहबाज शरीफ की सरकार के सामने आर्थिक गतिविधियों को फिर से पटरी पर लाने की चुनौती होगी.
घट रहा है विदेशी मुद्रा भंडारः पाकिस्तान के प्रमुख समाचार पत्र 'The Dawn' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में उछाल की वजह से इम्पोर्ट बिल बढ़ने, बॉन्ड यील्ड में इजाफा और अन्य वजहों से देश का विदेशी मुद्रा भंडार (Forex Reserve) घट रहा है. स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (SBP) द्वारा गुरुवार को जारी डेटा के मुताबिक, SBP के विदेशी मुद्रा भंडार में साप्ताहिक आधार पर 6.04 फीसदी की कमी दर्ज की गई. एक अप्रैल, 2022 तक SBP के पास 1,131.92 करोड़ डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार था. बकौल रिपोर्ट्स, SBP का रिजर्व घटकर 26 जून, 2020 के सबसे निचले स्तर पर आ गया है.
करेंसी के मूल्य में आई गिरावटः पाकिस्तानी करेंसी में पिछले कुछ सत्र में लगातार गिरावट देखने को मिली है. गुरुवार को डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपया गिरकर 191 रुपये के ऐतिहासिक निचले स्तर पर आ गया. पाकिस्तानी रुपये में पिछले कई महीनों से गिरावट देखी जा रही थी लेकिन राजनीतिक अस्थिरता की स्थिति में इसमें काफी तेजी से गिरावट देखने को मिली.
दोहरे अंकों में महंगाई दरः पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में भी महंगाई से लोग हलकान हैं. फरवरी, 2022 में पाकिस्तान में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स पर आधारित महंगाई दर में सालाना आधार पर 12.2 फीसदी का इजाफा देखने को मिला. वहीं, मासिक आधार पर इसमें 1.2 फीसदी की तेजी देखने को मिली. देश में खाने-पीने के सामान के दाम आसमान छू रहे हैं. महंगाई भी इमरान सरकार के खिलाफ गई और उसे इसका नुकसान उठाना पड़ा.
व्यापार घाटा बढ़ा: बकौल रिपोर्ट्स, पाकिस्तान में व्यापार घाटा रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया है. देश में जुलाई-मार्च के बीच व्यापार घाटा 70.14 फीसदी बढ़कर 35.393 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया.