सिफर मामले में इमरान खान की जमानत याचिका पर सुनवाई से अन्य देशों के साथ 'संबंध बिगड़ने का खतरा' हो सकता है: FIA ने अदालत को बताया
पाकिस्तान की शीर्ष जांच एजेंसी ने सोमवार को यहां एक अदालत को सूचित किया कि राज्य के रहस्यों के कथित खुलासे से संबंधित मामले में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की जमानत याचिका पर खुली सुनवाई से अन्य देशों के साथ "संबंध बिगड़ने का खतरा" पैदा हो सकता है। संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) ने शनिवार को आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के तहत स्थापित विशेष अदालत में आरोप पत्र दायर किया, जिसमें पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के अध्यक्ष खान और उपाध्यक्ष शाह महमूद कुरेशी को सिफर मामले में "मुख्य आरोपी" घोषित किया गया।
खान और कुरेशी दोनों फिलहाल न्यायिक रिमांड पर जेल में बंद हैं। डॉन अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, एफआईए ने सोमवार को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) को सूचित किया कि सिफर मामले में खान की जमानत याचिका की खुली सुनवाई से "अन्य देशों के साथ संबंध खराब होने का खतरा" हो सकता है। खान और कुरेशी की गिरफ्तारी के बाद की जमानत याचिका पहले विशेष अदालत ने खारिज कर दी थी, जिसके बाद पूर्व प्रधानमंत्री ने इसकी मांग करते हुए आईएचसी से संपर्क किया था।