इमरान खान ने अपने आजादी मार्च से सेना के खिलाफ निर्णायक जंग छेड़ी

इस पर उन्‍हें पाकिस्‍तानी सेना से जवाब मिला था कि हम इमरान खान के जरिए देश में सफाई अभियान चलाने जा रहे हैं।

Update: 2022-10-29 07:49 GMT
लाहौर: पाकिस्‍तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने आजादी मार्च से सेना के खिलाफ निर्णायक जंग छेड़ दी है। इमरान खान खुलकर पाकिस्‍तानी सेना प्रमुख जनरल बाजवा और उनके करीबी आईएसआई चीफ नदीम अंजुम को निशाना बना रहे हैं। पाकिस्‍तान के इतिहास में ऐसा संभवत: पहली बार हो रहा है कि पाकिस्‍तानी सेना एक नेता के दांव से चित हो गई है और उसे बैकफुट पर चलना पड़ रहा है। इमरान खान अब पाकिस्‍तानी सेना को उसी के हथियार से लगातार मात दे रहे हैं। वहीं इमरान को प्रधानमंत्री पद की कुर्सी दिलाने वाले जनरल बाजवा अपने 'भस्‍मासुर' के आगे बेबस नजर आ रहे हैं।
यह‍ वही पाकिस्‍तानी सेना है जो अब तक राजनीति की पिच पाकिस्‍तान की आजादी के बाद से ही हमेशा विजेता रही है लेकिन अब उसे अपने बनाए हथियार से ही मात मिल रही है। दरअसल, नवाज शरीफ के लाए जनरल बाजवा ने साल 2018 में शरीफ परिवार और जरदारी परिवार को पाकिस्‍तान की राजनीति से निपटाने के लिए प्रोजेक्‍ट इमरान खान को आगे बढ़ाया था। इमरान खान हमेशा से ही पाकिस्‍तान की शक्तिशाली खुफिया एजेंसी आईएसआई के लाडले रहे हैं। इमरान खान को कई आईएसआई चीफ ने सालों तक प्रशिक्षण दिया था। हालांकि किसी आर्मी चीफ ने उन पर दांव नहीं लगाया था।
सेना ने जबरन सांसदों को उठाकर सत्‍ता दिलवाई
जनरल बाजवा ने न केवल इमरान खान पर दांव लगाया बल्कि उन्‍हें बहुमत नहीं मिलने के बाद भी जबरन सांसदों को उठाकर सत्‍ता भी दिलवाई। आईएसआई के पूर्व चीफ जनरल फैज इसी वजह से इमरान खान के करीबी बन गए। जनरल बाजवा जब प्रोजेक्‍ट इमरान खान को चला रहे थे तब उन्‍हें पूर्व आईएसआई चीफ असद दुर्रानी ने इमरान खान को लेकर आगाह किया था। दुर्रानी ने कहा कि इमरान खान पाकिस्‍तानी सेना प्रमुख के लिए भस्‍मासुर बन सकते हैं। इस पर उन्‍हें पाकिस्‍तानी सेना से जवाब मिला था कि हम इमरान खान के जरिए देश में सफाई अभियान चलाने जा रहे हैं।
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