इमरान खान ने एक बार फिर से भारत का जिक्र किया, कहा- अमेरिकी दबाव के बावजूद खरीद रहा रूसी तेल
Imran Khan once again mentioned India, said - despite US pressure, buying Russian oil
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने शनिवार को कहा कि भारत अमेरिका के साथ रणनीतिक समझौता करने के बावजूद रूस से सस्ता तेल खरीद रहा है लेकिन अमेरिका उससे कभी नाराज नहीं हुआ। जबकि पाकिस्तान ने रूस से 30 प्रतिशत की किफायत पर तेल लिया और अमेरिका नाराज हो गया। उन्होंने कहा कि अमेरिका अफगानिस्तान में भी अपनी नाकामियों के लिए पाकिस्तान को भी जिम्मेदार ठहराता रहा है।
इमरान खान ने प्रवासी पाकिस्तानियों को शनिवार को वर्चुअल संबोधन में एक बार फिर से भारत का जिक्र किया। पहले भी कई मौकों पर इमरान भारत का उल्लेख करते रहे हैँ और उनमें से कई में उन्होंने भारत की स्वतंत्र विदेश नीति की प्रशंसा की थी। अविश्वास प्रस्ताव में अपनी हार के बाद प्रवासी पाकिस्तानियों को संबोधित करते हुए इमरान खान ने कहा कि उनकी सरकार चीन और रूस के साथ अच्छे संबंध चाहती थी।
इमरान खान ने कहा, 'अमेरिका को पाकिस्तान में एक स्वतंत्र सरकार देखने की आदत नहीं रही है। मेरी सरकार अमेरिकी विरोधी नहीं, बल्कि एक स्वतंत्र सरकार थी। मैं कभी भी अमेरिका विरोधी नहीं रहा। कोई भी किसी भी देश के खिलाफ नहीं है। डोनाल्ड ट्रंप के साथ मेरे बहुत अच्छे संबंध थे।' उन्होंने कहा कि अमेरिका के 'आतंक के खिलाफ युद्ध' से पाकिस्तान को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ। इस बारे में विस्तार से बताते हुए इमरान खान ने कहा, 'पाकिस्तान का 9/11 की घटना से कोई संबंध नहीं था। लेकिन पाकिस्तान अमेरिका का गुलाम बन गया। उनकी मांगें बढ़ती गईं।'
इमरान ने कहा, 'हम चीन और रूस के साथ अच्छे संबंध चाहते थे। चीन हमारा पड़ोसी देश है। फिर रूस से निमंत्रण आया। रूस के साथ हमारे हमेशा तनावपूर्ण संबंध थे क्योंकि पाकिस्तान शीत युद्ध में रूस के खिलाफ अमेरिका के साथ था। ऐसे में जब रूस ने 30 प्रतिशत रियायत पर तेल की पेशकश की तो हमने खरीद लिया। बस, अमेरिका इसी बात पर नाराज हो गया।