नई दिल्ली। इमरान खान सैन्य अदालतों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचें है। आपको बता कि इमरान खान ने एक बयान जारी किया था कि पाकिस्तान बर्बादी की कगार पर है। लगभग आठ दशकों में यह देश अपने सबसे बुरे संकट का सामना कर रहा है। लगभग हर शहर की सड़क पर सत्ता, सेना की ताकत और विपक्ष का भीषण टकराव चल रहा है। देश की जनता का सबसे लोकप्रिय हीरो और राजनेता पाकिस्तान की सबसे ताकतवर संस्था सेना से खुलेआम टकराव के मूड में है।
पिछले हफ्ते, पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को इस्लामाबाद की एक अदालत से अर्धसैनिक बलों द्वारा गिरफ्तार किया गया था। समर्थकों ने विरोध में पाकिस्तान की सड़कों पर तोड़फोड़ की, इमारतों में आग लगा दी, एक वरिष्ठ सैन्य कमांडर के आधिकारिक आवास में लूटपाट की और यहां तक कि सेना के मुख्यालय में भी घुस गए। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को अर्धसैनिक बलों द्वारा भ्रष्टाचार के आरोपों में गिरफ्तार किए जाने के बाद पाकिस्तान की शक्तिशाली सेना के खिलाफ इमरान के समर्थकों के गुस्से के घातक रूप ने देश को एक युद्ध के मैदान में लाकर खड़ा कर दिया है और इस मैदान में एक तरफ इमरान खान के समर्थक और दूसरी तरफ पाक सेना है। 9 मई 2023 को गिरफ्तारी के बाद इमरान के समर्थकों ने अभूतपूर्व तरीके से पाकिस्तानी सेना को चुनौती दी।
अपने हीरो की गिरफ्तारी से फैली अशांति के कारण उग्र भीड़ ने सैन्य-संपत्तियों को बेतहाशा नुकसान पहुंचाया और कई प्रमुख शहरों में सेना के अधिकारियों के घरों में आग लगा दी। लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई कई सरकारों का तख्तापलट कर लंबे समय तक पाकिस्तान पर शासन करने वाली पाक सेना जिसे पाकिस्तान में हमेशा एक ताकत के रूप में जाना जाता है, उसको इस बार इमरान खान और उनके समर्थकों द्वारा सीधे तौर पर चुनौती दी गई है। 1947 में गठन के बाद से ही पाकिस्तान राजनीतिक अस्थिरता, शासन परिवर्तन और तख्तापलट से त्रस्त रहा है, जिसमें वहां की सेना हमेशा इस निर्णायक भूमिका में रही है कि कौन सत्ता में रहेगा। ऐसे में यह पहली बार हुआ है कि किसी राजनीतिक दल का नेता सीधे सेना को निशाने पर ले रहा है। इस पूरे घटनाक्रम में सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि भ्रष्टाचार के मामलों और तमाम टकरावों के बावजूद इमरान खान की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है। इसका एक कारण ये भी है कि पाकिस्तान की आर्थिक स्थितियां बहुत खराब हैं। जिस तरह वहां की जनता परेशान है, अगर इमरान खान सत्ता में होते तो शायद ये गुस्सा उनके खिलाफ होता। लेकिन अभी शहबाज शरीफ सत्ता में हैं, तो सारा गुस्सा शहबाज और जरदारी के खिलाफ है।