इमरान खान ने BJP-मोदी के खिलाफ जमकर उगला जहर, अंतरराष्‍ट्रीय समुदाय कार्रवाई करे

हिंदू नेताओं का कहना है कि आर्थिक हालात भी उन्हें ऐसा करने पर मजबूर करते हैं।

Update: 2022-01-10 11:55 GMT

हिंदुओं और ईसाइयों के खिलाफ लगातार हो रहे हमलों को रोकने में नाकाम पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारत के अल्‍पसंख्‍यकों खासकर मुस्लिमों को लेकर 'ज्ञान' दिया है। इमरान खान ने सोमवार को कहा कि मोदी सरकार ने दिसंबर महीने में हुई अतिवादी हिंदुओं की बैठक में 'अल्‍पसंख्‍यकों खासकर 20 करोड़ मुस्लिमों के नरसंहार' के आह्वान पर चुप्‍पी साध रखी है। उन्‍होंने कहा कि इससे यह सवाल उठता है कि क्‍या बीजेपी सरकार अतिवादियों के इस आह्वान का समर्थन करती है।

इमरान खान ने अपने ट्वीट में अंतरराष्‍ट्रीय समुदाय से इस ध्‍यान देने और मोदी सरकार के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। पाकिस्‍तानी पीएम ने कहा, 'बीजेपी मोदी सरकार की कट्टरपंथी विचारधारा के तहत भारत में सभी धार्मिक अल्‍पसंख्‍यकों को हिंदूवादी गुटों द्वारा निशाना बनाया गया है। मोदी सरकार का कट्टरपंथी अजेंडा वास्‍तविक है और हमारे क्षेत्र की शांति के लिए खतरा पैदा कर दिया है।'
'कश्‍मीर में जनसंख्‍या को बदलने का प्रयास कर रही मोदी सरकार'


अभी हाल ही में इमरान खान ने पीएम मोदी के कई जहरीले बयान दिए थे। इमरान खान ने कहा था कि कश्‍मीर में संयुक्‍त राष्‍ट्र की निगरानी में जनमत संग्रह कराने का संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद का वादा अभी तक पूरा नहीं हुआ है। पाकिस्‍तानी पीएम ने आरोप लगाया कि हिंदुओं का समर्थन करने वाली मोदी सरकार ढिठाई से सुरक्षा परिषद के प्रस्‍तावों का उल्‍लंघन कर रही है और कश्‍मीर में जनसंख्‍या को बदलने का प्रयास कर रही है।
इमरान खान ने ट्वीट करके कहा कि मोदी सरकार अंतरराष्‍ट्रीय मानवीय कानूनों और अंतरराष्‍ट्रीय समझौतों का उल्‍लंघन कर रही है। मोदी सरकार ने कश्‍मीर का दर्जा बदलकर और जनसंख्‍या को बदलने का प्रयास करके युद्ध अपराध किया है। पाकिस्‍तानी पीएम ने अंतरराष्‍ट्रीय समुदाय खासकर संयुक्‍त राष्‍ट्र से मांग की कि कश्‍मीर में युद्ध अपराध के लिए भारत के खिलाफ मुकदमा चलाया जाए। उन्‍होंने दावा किया कि पाकिस्‍तान कश्‍मीरी लोगों के आत्‍मनिर्णय के लिए जारी संघर्ष में पूरी निष्‍ठा के साथ खड़ा है।
पाक में हिंदुओं के मंदिर तोड़े जा रहे, ईसाइयों पर अत्‍याचार
पाकिस्‍तान पीएम ने यह ज्ञान ऐसे समय पर दिया है जब खुद उनके देश में हिंदुओं के मंदिर तोड़े जा रहे हैं और ईसाइयों पर अत्‍याचार लगातार जारी है। हालत यह है कि पाकिस्तान में हिंदुओं को संस्थागत भेदभाव का सामना करना पड़ता है। घर खरीदने से लेकर नौकरी पाने तक, यहां तक कि सरकारी सुविधाओं का लाभ उठाने तक के लिए उन्हें कहीं ज्यादा मशक्कत करनी पड़ती है। अब वे धर्म परिवर्तन कर बहुसंख्यकों में शामिल होने को ही समाधान मानने लगे हैं ताकि अत्याचार और हिंसा से बच सकें। हिंदू नेताओं का कहना है कि आर्थिक हालात भी उन्हें ऐसा करने पर मजबूर करते हैं।


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