इमरान खान को लगा बहुत बड़ा सदमा! कर्ज़ में दबे पाकिस्तान ने सोना ढूंंढते वक्त इस गलती से डुबोए 95,400 करोड़ रुपये

आर्थिक तंगी से जूझता पाकिस्‍तान जिसके लिए एक-एक पाई आजकल बहुत जरूरी है

Update: 2021-02-12 09:45 GMT

आर्थिक तंगी से जूझता पाकिस्‍तान जिसके लिए एक-एक पाई आजकल बहुत जरूरी है, ऐसे में अगर उसे एक दो नहीं पूरे 95, 400 करोड़ का नुकसान हो जाए तो निश्चित तौर पर यह प्रधानमंत्री इमरान खान के लिए बहुत बड़ा सदमा होगा. लेकिन ऐसा ही हुआ है. ब्रिटेन की वजह से पाकिस्‍तान की अमेरिका और फ्रांस में स्थित रीयल एस्‍टेट की संपत्तियों पर भी मुसीबत में आ गई है.


दरअसल यूनाइटेड किंगडम (यूके) की कोर्ट ने एक न्यायाधिकरण के फैसले को लागू करने के आदेश दिया है. इसके बाद पाकिस्‍तान पर विदेशी खनन कंपनियों के साथ 28 साल पुराने सोने की खोज के लिए हुए कॉन्‍ट्रैक्‍ट को वापस लेने पर 5.9 बिलियन डॉलर का जुर्माना लगाया गया है.


पाक की संपत्तियां सील करने का आदेश
जनवरी माह के अंत में ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड के कोर्ट की तरफ से न्‍यूयॉर्क में रूजवेल्‍ट होटल और पेरिस में स्‍क्राइब होटल की कीमत तय करने का आदेश दिया गया है. ये दोनों ही प्रॉपर्टीज पाकिस्‍तान इंटरनेशनल एयरलाइंस इनवेस्‍टमेंट (पीआईएआईएल) के मालिकाना हक वाली हैं.

पीआईएआईएल, पा्‍क की सरकारी कंपनी है जो कि ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड में आधिकारिक तौर पर रजिस्‍टर्ड है. जुलाई 2019 में इंटरनेशनल सेंटर फॉर सेटलमेंट ऑफ इनवेस्‍टमेंट डिस्‍प्‍यूट्स (आईसीएसआईडी) की तरफ से पाकिस्‍तान पर 5.9 बिलियन डॉलर का जुर्माना लगाया गया था.

आईसीएसआईडी एक न्‍यायधिकरण है जो वर्ल्‍ड बैंक के तहत आता है. पाकिस्‍तान पर यह जुर्माना साल 2011 में सोने की खदान की खोज के लिए हुए कॉन्‍ट्रैक्‍ट को वापस लेने पर लगाया गया था. माइन की खोज तेथयान कॉपर कंपनी (टीसीसी) की तरफ से हो रही थी. यह ऑस्‍ट्रेलिया की बैरिक गोल्‍ड कॉरपोरेशन और चिली की एंटोफागास्‍ता का ज्‍वॉइन्‍ट वेंचर है.

1993 में साइन हुआ कॉन्‍ट्रैक्‍ट
टीसीसी ने चेगाई हिल्‍स एक्‍सप्‍लोरेशन ज्‍वॉइन्‍ट वेंचर एग्रीमेंट को मैच्‍योर होने से पहले ही खत्‍म करने की वजह से 8.5 बिलियन डॉलर का हर्जाना मांगा था. यह कॉन्‍ट्रैक्‍ट असल में बलूचिस्‍तान की प्रांतीय सरकार और ऑस्‍ट्रेलिया की माइनिंग कंपनी ब्रोकन हिल प्रॉपर्टी (बीएचपी) के बीच हुआ था.

सन् 1993 में इस कॉन्‍ट्रैक्‍ट को साइन किया गया था. इसके जरिए रेको दिक माइन पर कंपनी ने अधिकार मांगा था. बीएचपी ने बाद में टीसीसी में अपने शेयर बेच दिए थे. साल 2008 में एग्रीमेंट का खत्‍म करने के बाद केस शुरू हुआ था.

बलूचिस्‍तान में सबसे ज्‍यादा सोना
बलूचिस्‍तान की रेको दिक माइन को दुनिया की पांचवीं ऐसी खदान में गिना जाता है. यहां पर सोने और तांबे का सबसे बड़ा भंडार है. यह जगह बलूचिस्‍तान के उत्‍तर-पश्चिम में स्थित चगाई के छोटे से रेगिस्‍तानी इलाके में स्थित है. रेको दिक खान, ईरान और अफगानिस्‍तान बॉर्डर के एकदम करीब है. एक साल में खदान करीब 200,000 टन तांबा और 250,000 टन सोना उत्‍पादित करती है.

600,000 टन कंक्रीट से इतना सोना और तांबा उत्‍पादित होता है. टीसीसी का अनुमान है कि हर साल तांबे की खदान से 1.14 बिलियन डॉलर और सोने की खदान से 2.5 बिलियन डॉलर का फायदा होता है, यानी हर साल 3.64 बिलियन डॉलर का फायदा होता है.

टीसीसी का अनुमान है कि खदान से अगले 55 साल तक कुल 200 बिलियन डॉलर का फायदा होगा. जबकि एक स्‍वतंत्र संस्‍था की तरफ से यह आंकड़ा 500 बिलियन डॉलर का बताया गया है.

बलूचिस्‍तान में है कितना सोना
बलूचिस्‍तान के सांडक और रेको दिक में इंजीनियर्स को तांबे और सोने का भंडार मिला था. साल 1995 में रेको दिक में पहली बार खुदाई की गई. पहले चार माह में यहां से 200 किलोग्राम सोना और 1700 टन तांबा निकला था. इसके बाद अंदाजा लगाया गया था कि इलाके में 590 करोड़ टन से ज्‍यादा खनिज मौजूद है. जानकारों को उम्‍मीद है कि खान में 40 करोड़ टन सोना मौजूद है.


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