पकिस्तान नहीं छोड़ सकते इमरान खान, इस वजह से लगी रोक

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Update: 2023-05-25 17:46 GMT
नई दिल्ली। पाकिस्तान की सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान, और उनकी पत्नी समेत कम से कम 80 लोगों के देश छोड़ने पर रोक लगा दी है। मीडिया में आई खबर में गुरुवार को यह जानकारी दी गई। इससे इमरान खान की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। खान को भ्रष्टाचार के एक मामले में नौ मई को गिरफ्तार किया गया था जिसके बाद देशभर में हिंसक प्रदर्शन हुए थे। इसके बाद से पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) प्रमुख खान समेत पार्टी के कई शीर्ष नेता आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं।
'समा' समाचार चैनल ने खबर दी है, ''संघीय सरकार ने पीटीआई के अध्यक्ष इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी सहित 80 लोगों के नाम उड़ान निषेध लिस्ट में शामिल करने का फैसला किया है।'' हालांकि, खान की पार्टी की ओर से इस घटनाक्रम की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। चैनल ने कहा कि खान और बुशरा के अलावा, उड़ान निषेध सूची में शामिल किए गए लोगों में पीटीआई नेता मुराद सईद, मलीका बुखारी, हम्माद अजहर, कासिम सूरी, असद कैसर, यास्मीन राशिद और मियां असलम शामिल हैं। इसमें फवाद चौधरी का नाम भी शामिल है जो पहले ही पार्टी छोड़ चुके हैं।
संबंधित संस्थानों की सिफारिश पर पीटीआई के नेताओं के नाम सूची में डाले गए हैं। खबर में कहा गया है कि पुलिस विभाग, राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो और भ्रष्टाचार विरोधी महकमे ने गृह मंत्रालय से इन नामों को उड़ान निषेध सूची में शामिल करने की गुजारिश की थी। उड़ान निषेध सूची को गृह मंत्रालय रखता है और हवाई अड्डों तथा देश से बाहर जाने के अन्य मार्गों पर तैनात अधिकारियों को उन लोगों के नाम दिए जाते हैं जिनके मुल्क छोड़ने पर पाबंदी होती है। जब खान प्रधानमंत्री थे तब पाकिस्तान मुस्लिम लीग-एन नेता और मौजूदा प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ समेत कई हाई प्रोफाइल लोगों के नाम इस सूची में शामिल थे।
एक पूर्व सांसद समेत इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के 16 कार्यकर्ताओं को बृहस्पतिवार को कड़े सेना अधिनियम और शासकीय गोपनीयता अधिनियम के तहत उनके खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए सैन्य अधिकारियों को सौंप दिया गया। इन पर लाहौर में कोर कमांडर के घर जिसे 'जिन्ना हाऊस' के तौर पर भी जाना जाता है, को जलाने का आरोप है। अर्धसैनिक रेंजरों द्वारा खान को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय परिसर से नौ मई को गिरफ्तार किए जाने के बाद हिंसक विरोध शुरू हो गया था। उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने खान की गिरफ्तारी के विरोध में लाहौर कोर कमांडर हाउस, मियांवाली एयरबेस और फैसलाबाद में आईएसआई भवन सहित एक दर्जन सैन्य प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ की थी। पहली बार भीड़ रावलपिंडी में सैन्य मुख्यालय (जीएचक्यू) में भी घुस गई थी।
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