आवाम से सोना उधार लेने के प्रस्ताव पर विचार कर रही इमरान सरकार
पाकिस्तान में प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ाने के लिए लोगों से सोना जमा कराने की एक योजना पर विचार कर रही है।
पाकिस्तान में प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ाने के लिए लोगों से सोना जमा कराने की एक योजना पर विचार कर रही है। पाकिस्तान पिछले तीन महीने के दौरान विभिन्न तरीके से पांच अरब डालर (लगभग 35 हजार करोड़ रुपये) का कर्ज ले चुका है, लेकिन उसका विदेशी मुद्रा भंडार लगातार कम हो रहा है। रविवार को द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने वित्त मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से कहा कि इस योजना पर इकोनामिक एग्जीक्यूटिव काउंसिल (ईईसी) की बैठक में चर्चा हुई है।
इसमें सभी वित्त मंत्री के साथ ही स्टेट बैंक आफ पाकिस्तान (एसबीपी) के गवर्नर शामिल हैं। प्रस्ताव के मुताबिक सभी बैंक सोना जमा करने वालों के लिए स्कीम लाएंगे और जमा सोना पर ब्याज भी देंगे। बाद में ये बैंक सोना एसबीपी के पास जमा कर देंगे। एसबीपी विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ाने के लिए जमा सोने का इस्तेमाल कर सकता है। एसबीपी के बयान के मुताबिक 11 फरवरी तक केंद्रीय बैंक के पास पहले से ही 17 अरब डालर का स्वर्ण भंडार मौजूदा है।
सनद रहे पहले ही महंगे दर पर विदेशी कर्ज लेकर बड़े पैमाने पर मानिटाइजेशन का दांव आजमाया जा चुका है। एसबीपी के 31 दिसंबर 2021 के रिजर्व पोजीशन स्टेटमेंट के अनुसार केंद्रीय बैंक के पास पहले से 2.01 मिलियन फाइन ट्राय औंस का स्वर्ण रिजर्व है। इसकी कीमत 3.8 अरब अमेरिकी डालर के आस पास बैठती है। रिपोर्ट के मुताबिक केंद्रीय बैंक का भंडार लगातार घटता जा रहा है। 11 फरवरी तक यह 17 अरब अमेरिकी डालर तक गिर गया है।
बीते तीन महीनों के दौरान सरकार ने सऊदी अरब से तीन अरब अमेरिकी डालर का कर्ज लिया है। मोटर-वे गिरवी रखकर पाकिस्तान ने इतिहास में एक अरब अमेरिकी डालर का सबसे महंगा कर्ज उठाया था। यही नहीं अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष से भी एक अरब अमेरिकी डालर का कर्ज लिया। फिर भी कम निर्यात और उच्च आयात की वजह के साथ साथ विदेशी कर्ज की भारी भरकम चुकौती के कारण रिजर्व भंडार को स्थिर नहीं किया जा सका है। जाहिर है कि इमरान खान की कर्ज लेकर अर्थव्यवस्था की सेहत को दुरुस्त करने की तमाम कोशिशें बेकार साबित हुई हैं।