IMF की रिपोर्ट का दावा- बेहद बुरे होने वाले हैं पाकिस्तान के हालात, नौकरियों के लिए तरस जाएंगे लोग
भारत के हर मसले पर टिप्पणी करने वाले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान नियाजी शायद अपने घर के हालातों से बेखबर हैं
भारत के हर मसले पर टिप्पणी करने वाले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान नियाजी शायद अपने घर के हालातों से बेखबर हैं. इमरान जो अक्सर भारत को हिंदू देश होने और आतंकी वारदातों के लिए जिम्मेदार ठहराते आए हैं, तीन सालों के अंदर उन्होंने अपने देश की माली हालत अफ्रीकी देश नाइजीरिया के बराबर कर दी है. अपने देश में पनप रहे आतंकी संगठनों और आतंकी हमलों को लेकर चुप रहने वाले इमरान खान ने साल 2018 में कमान संभाली थी. इसके बाद से लगातार उनके देश की माली हालत बिगड़ती जा रही है. अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) की जो नई रिपोर्ट आई है, उसके बाद तो लगता है कि पाकिस्तान के लिए स्थितियां और बिगड़ने वाली हैं.
क्या है आईएमएफ की रिपोर्ट में
आईएमएफ की तरफ से साल 2021 में पाकिस्तान की आर्थिक दर जीडीपी का अनुमान लगाया गया है. आईएमएफ का अनुमान है कि साल 2021 में पाक की जीडीपी 1.5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी. अगले वित्त वर्ष में इसके 4 फीसदी रहने की उम्मीद जताई गई है. आईएमएमफ की तरफ से मंगलवार को वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक के तहत वेबसाइट पर जीडीपी के आंकड़ें जारी किए गए हैं. आईएमएफ के आंकड़ें पाकिस्तान के लिए थोड़ी राहत लाने वाले हैं क्योंकि साल 2020 में देश की जीडीपी -0.4 फीसदी की दर से आगे बढ़ी थी.
वैक्सीन ने जगाई है एक उम्मीद
आईएमएफ का वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक की मानें तो वैक्सीन को मिली मंजूरी ने एक नई उम्मीद जगाई है. लेकिन इसके बाद भी वायरस के नए वैरिएंट ने चिंताएं बढ़ा दी हैं. साल 2019-2020 पाकिस्तान के लिए निगेटिव ग्रोथ वाला साल रहा. लेकिन अब जबकि कोविड-19 महामारी का असर कम पड़ने लगा है तो आर्थिक गतिविधियां फिर से रफ्तार पकड़ सकती हैं.
हालांकि सरकार ने जीडीपी ग्रोथ का टारगेट 2.1 प्रतिशत तय किया है. हालांकि पिछले वर्ष आईएमएफ ने पाकिस्तान के लिए 1.9 फीसदी की जीडीपी ग्रोथ की भविष्यवाणी की थी लेकिन कोविड-19 की वजह से सारे अनुमान गलत साबित हो गए. 30 जून 2020 को खत्म हुए वित्तीय वर्ष में पाक की जीडीपी 0.4 प्रतिशत तक ही पहुंच सकी.
भारत रहेगा सबसे आगे
आईएमएफ ने पाकिस्तान के लिए जीडीपी दर को पहले 1 फीसदी पर रखा था लेकिन अब उसने इसे रिवाइज करके 1.5 फीसदी कर दिया है. आईएमएफ के मुताबिक पाकिस्तान की ग्रोथ रेट साल 2021-2022 में 4 फीसदी रहेगी. आईएमएफ के वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक में भारत की जीडीपी दर 11.5 प्रतिशत पर रखी गई है. जबकि चीन के लिए 8.1 फीसदी, मलेशिया 7 फीसदी, टर्की 6 फीसदी, फ्रांस 5.5 फीसदी, अमेरिका 5.1 फीसदी, मैक्सिको 4.3 फीसदी और नाइजीरिया के लिए 1.5 फीसदी की जीडीपी का अनुमान लगाया गया है.
कम होने का नाम नहीं ले रहा है कर्ज
पिछले दिनों मूडीज इनवेस्टर्स सर्विस की तरफ से भी पाकिस्तान की जीडीपी के साल 2021 में बेहतर रहने का अनुमान लगाया गया था. मूडीज ने कहा था कि सरकार और सेंट्रल बैंक की तरफ से दी जा रही प्रतिक्रियाएं और सुधारों से अर्थव्यवस्था को पटरी पर आने में सफलता मिलेगी. लेकिन इन सबके बाद भी पाक की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं.
स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान की तरफ से जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2020 की तीसरी तिमाही में पाकिस्तान पर बाहरी कर्ज का बोझ 113803 मिलियन डॉलर पर पहुंच गया है. जबकि दूसरी तिमाही में यह 112858 मिलियन डॉलर पर था. अगले एक साल में इस कर्ज के 117500 अमेरिकी डॉलर पर पहुंचने का अनुमान लगाया गया है. पाकिस्तान के विशेषज्ञों की मानें तो साल 2021 के अंत होने तक यह आंकड़ा 118500 मिलियन डॉलर पर पहुंच जाएगा.