ILO ने अत्‍याचारों और मानवाधिकार उल्‍लंघनों को लेकर गंभर चिंता व्‍यक्‍त की, कहा' अपनी नीति बदले...

इसके अलावा इस मुद्दे पर ब्रिटेन, नीदरलैंड और कनाडा भी चीन को आइना दिखा चुके हैं।

Update: 2022-02-11 08:05 GMT

अंतरराष्‍ट्रीय श्रम संगठन (Inernation Labour Organisation) ने चीन के शिनजियांग प्रांत में रहने वाले उइगर मुस्लिमों पर हो रहे अत्‍याचारों और मानवाधिकार उल्‍लंघनों को लेकर गंभर चिंता व्‍यक्‍त की है। आईएलओ ने कहा है कि चीन को अपनी नीतियों की समीक्षा करनी चाहिए और इन लोगों पर होने वाले अत्‍याचारों को तुरंत रोकना चाहिए। आईएलओ द्वारा जारी की गई इस रिपोर्ट का अमेरिका ने न सिर्फ समर्थन किया है बल्कि इस रिपोर्ट में नीतियां बदलने के जो सुझाव चीन को दिए गए हैं उनका भी सही करार दिया है। अमेरिका ने कहा है कि वो आईएलओ की इस रिपोर्ट का स्‍वागत करता है जो उइगरों के प्रति चीन की सरकार की सच्‍चाई को दर्शाती है।

आईएलओ ने अपनी रिपोर्ट में चीन की सरकार से अपील करते हुए कहा है कि उसको अपनी नीतियां और अपने कानून को भी बदलने की सख्‍त जरूरत है। इसमें यहां तक कहा गया है कि चीन इन लोगों और देश में रहने वाले दूसरे अल्‍पसंख्‍यकों के प्रति नौकरियों में भी दोहरा बर्ताव कर रहा है जिसको खत्‍म करने की जरूरत है। इसके लिए चीन को कड़े कदम उठाने चाहिए। आपको बता दें कि चीन में रहने वाले उइगरों और दूसरे अल्‍पसंख्‍यकों के प्रति चीन के रवैये की आलोचना विश्‍व के कई दूसरे मानवाधिकार से जुड़े संगठन और ग्रुप भी कर चुके हैं। हालांकि चीन हमेशा ही इन आरोपों को खारिज करता रहा है।
अमेरिका और चीन इस मुद्दे पर कई बार आमने-सामने भी आ चुके हैं। चीन का कहना है कि ये पूरी तरह से उसका अंदरुणी मसला है जिसमें किसी भी अन्‍य देश को बोलने का कोई हक नहीं है। आईएलओ की रिपोर्ट इस संबंध में बनी कमेटी आफ एक्‍सपर्ट द्वारा तैयार की गई है। एक्‍सपर्ट की रिपोर्ट में साफतौर पर कहा गया है कि चीन की सरकार और वहां की सत्‍ताधारी पार्टी को उइगरों के प्रति किए जा रहे व्‍यवहार को बदलना होगा। उनके प्रति हो रहे अत्‍याचारों को रोकना होगा। जो काई भी इसके लिए दोषी हैं उनके लिए कदम उठाने होंगे। इस रिपोर्ट पर अमेरिकी विदेश मंत्रालय का कहना है कि चीन को उइगरों के लिए नई नीतियां लानी चाहिए और उन्‍हें अपने पैरों पर खड़ा करने और आत्‍मनिर्भर बनाने के कदम उठाने चाहिए। अमेरिका ने ये भी कहा है कि चीन को एक्‍सपर्ट कमेटी की इस रिपोर्ट में कही गई बातों पर अमल करना चाहिए।
गौरतलब है कि शिनजियांग प्रांत में जहां उइगर मुस्लिम सबसे अधिक हैं वहीं दूसरे अल्‍पसंख्‍यक समुदाय भी रहते हैं। चीन काफी समय से इनके प्रति अत्‍याचारों को अंजाम दे रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स में यहां तक कहा गया है कि चीन ने हजारों की तादात में उइगर मुस्लिमों को बंदी बनाकर जेल में डाला है और उन पर अत्‍याचार किए जा रहे हैं। वहीं कई गायब हैं। अमेरिका द्वारा जारी बयान में चीन को अल्‍पसंख्‍यकों का नरसंहार बंद करने को भी कहा गया है। साथ ही कहा गया है कि अमेरिका अपने दूसरे सहयोगियों के साथ जबरन काम कराने जैसी बुराई को खत्‍म करने को वचनबद्ध है। अमेरिका ने अन्‍य देशों से भी साथ आने की अपील की है। आपको बता दें कि इससे पहले फ्रांस ने भी उइगरों के मसले पर चीन को आड़े हाथों लेते हुए चीन की सरकार की कड़ी आलोचना की थी। इसके अलावा इस मुद्दे पर ब्रिटेन, नीदरलैंड और कनाडा भी चीन को आइना दिखा चुके हैं।


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