रूस की यूक्रेन पर हमला करने की खबर, तो अंजाम भुगतने को रहे तैयारः US
भले ही उसने यूक्रेन पर हमला करने के दावों को खारिज किया है.
रूस के यूक्रेन पर हमला करने की खबरों की बीच अमेरिका और जर्मनी ने कहा है कि अगर पुतिन शासन ने हमला किया, तो जर्मनी को रूसी प्राकृतिक गैस की आपूर्ति को दोगुना करने वाली गैस पाइपलाइन पर असर पड़ सकता है. वहीं, रूस के विदेश मंत्रालय का कहना है कि हम किसी अन्य देश पर हमला करने का इरादा नहीं रखते हैं.
किसी देश पर हमले का इरादा नहीं रखता रूस
रूस ने कहा है कि सीमा पर यूक्रेन के साथ तनाव के बीच संयुक्त राज्य अमेरिका और नाटो ने सुरक्षा मसौदे के समझौते को नजरअंदाज कर दिया है. रूस के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जैतसेव ने कहा कि हम पहले ही बार-बार कह चुके हैं कि हमारा देश किसी पर हमला करने का इरादा नहीं रखता है. जबकि, इस तरह की खबरें आ रही है कि रूस ने यूक्रेन की सीमा पर 1 लाख से अधिक सैनिकों को इकट्ठा किया है.
सुरक्षा समझौते का नहीं रखा गया ध्यान
प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि सुरक्षा समझौते पर रूस के "विचारों" को ध्यान में नहीं रखा गया है. बाइडेन प्रशासन ने रूस की, उस मांग को खारिज कर दिया था कि जिसमें कहा गया था कि यूक्रेन को लेकर पूर्व सोवियत देशों को नाटो में शामिल नहीं किया जाना चाहिए. हम यह नहीं कह सकते कि हमारे विचारों को ध्यान में रखा गया है या हमारी चिंताओं को ध्यान में रखने की इच्छा दिखाई गई. आंकलन करने में जल्दबाजी न करें, किसी भी खबरों का विश्लेषण करने में समय लगता है.
गैस पाइपलाइन के लागू नहीं होने का खतरा
इसी बीच जर्मनी और अमेरिका ने चेतावनी दी कि अगर पुतिन शासन ने यूक्रेन पर हमला किया तो जर्मनी को रूसी प्राकृतिक गैस की आपूर्ति को दोगुना करने वाली गैस पाइपलाइन को लागू नहीं होने का खतरा हो सकता है. अमेरिकी अवर सचिव विक्टोरिया नुलैंड ने कहा कि अगर रूस यूक्रेन पर हमला करता है, तो एक तरह से नॉर्ड स्ट्रीम-2 आगे नहीं बढ़ेगा.
बाइडेन से मिलेंगे जर्मन चांसलर
वहीं, जर्मनी के नए चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ यूक्रेन संकट पर चर्चा के लिए अगले महीने राष्ट्रपति जो बाइडेन से मिलने वाले हैं. जबाकि, अमेरिकी राष्ट्रपति ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्क से आर्थिक सहायता बढ़ाए जाने की बात की थी.
नाटो ने सीमा पर किए सैनिक तैनात
बता दें कि सीमा पर तनाव के बीच नाटो ने 8,500 सैनिकों को अलर्ट पर रखा है. हालांकि, रूस ने यह सुनिश्चित किया है कि उसे अपनी सीमाओं में कहीं भी सैनिकों को स्थानांतरित करने का अधिकार है, भले ही उसने यूक्रेन पर हमला करने के दावों को खारिज किया है.