आइसीसी ने शुरू की यूक्रेन में युद्ध अपराधों की जांच
अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय के अभियोजक ने एक जांच शुरू की है, जो यूक्रेन में रूस की सैन्य कार्रवाई के दौरान नागरिकों की मौत के बढ़ते मामलों और संपत्ति के व्यापक विनाश के बीच युद्ध अपराधों
अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (आइसीसी) के अभियोजक ने एक जांच शुरू की है, जो यूक्रेन में रूस की सैन्य कार्रवाई के दौरान नागरिकों की मौत के बढ़ते मामलों और संपत्ति के व्यापक विनाश के बीच युद्ध अपराधों, मानवता के खिलाफ अपराधों या नरसंहार के लिए जिम्मेदार माने जाने वाले वरिष्ठ अधिकारियों को लक्षित कर सकती है।
आइसीसी के अभियोजक करीम खान ने बुधवार देर रात उस समय जांच की घोषणा की, जब अपराध न्यायालय के दर्जनों सदस्य देशों ने उनसे मामले में कार्रवाई करने का आग्रह किया। रायटर के अनुसार, करीम खान द्वारा यह एलान किए जाने के कुछ घंटों बाद आइसीसी का प्रशिक्षित एक दल यूक्रेन के लिए रवाना हो गया। अभियोजक ने शुक्रवार को कहा, कल मैंने टीम का गठन किया था और आज इसके सदस्य जांच के लिए रवाना हो गए।
ब्रिटेन की विदेश मंत्री लिज ट्रस ने कहा, अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय द्वारा रूस के बर्बर कृत्यों की तत्काल जांच किए जाने की जरूरत है और इसके जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। ब्रिटेन न्याय सुनिश्चित करने के लिए अपने सहयोगियों के साथ मिलकर काम करेगा।
आइसीसी के न्यायाधीशों को संघर्ष के हर पहलू से जांच शुरू किए जाने के अपने फैसले से अवगत कराने के बाद खान ने कहा, साक्ष्य जुटाने का हमारा काम अब शुरू हो गया है। यूक्रेन की राष्ट्रीय आपातकालीन सेवा ने कहा है कि रूसी आक्रमण केबाद से 2,000 से अधिक नागरिक मारे गए हैं। हालांकि, यह एक ऐसा दावा है, जिसका सत्यापन करना असंभव है।
यूक्रेन में रूसी बलों द्वारा 'क्लस्टर बम' के इस्तेमाल की खबरें भी सामने आई हैं। कथित तौर पर इनसे एक प्री-स्कूल और एक अस्पताल को निशाना बनाया गया। ट्रस ने कहा, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सैन्य उपकरण नागरिकों को अंधाधुंध निशाना बना रहे हैं और पूरे यूक्रेन में तोड़-फोड़ कर रहे हैं। इस बीच, नागरिक अधिकार समूहों ने गुरुवार को विभिन्न देशों द्वारा आइसीसी से मामले की जांच का अनुरोध किए जाने का स्वागत किया।
ह्यूमन राइट्स वाच में अंतरराष्ट्रीय न्याय मामलों के अंतरिम निदेशक बल्कीस जर्रा ने कहा, आइसीसी से जांच की अपील यूक्रेन में बढ़ते अत्याचारों और मानवाधिकार संकट को लेकर विभिन्न देशों की बढ़ती चिंताओं को दर्शाती है। उन्होंने कहा, इन देशों की सरकारें स्पष्ट कर रही हैं कि गंभीर अपराधों को सहन नहीं किया जाएगा और न्याय सुनिश्चित करने में अंतरराष्ट्रीय अदालत की अहम भूमिका है।
आइसीसी 2013-14 में कीव में रूस समर्थक यूक्रेनी प्रशासन द्वारा यूरोप के पक्ष में होने वाले प्रदर्शनों के हिंसक दमन और क्रीमियाई प्रायद्वीप (जिस पर रूस ने 2014 में कब्जा कर लिया था) तथा पूर्वी यूक्रेन (जहां मास्को 2014 से विद्रोहियों का समर्थन कर रहा है) में युद्ध अपराध के आरोपों की प्रारंभिक जांच कर चुकी है।