इस देश में सैकड़ों साल पुराना अनोखा शिवलिंग, जानिए इससे जुड़ा रहस्य
दुनिया में रहस्यमय मंदिर और मुर्तियां हैं। एक ऐसा ही रहस्यमयी शिवलिंग है, लेकिन यह भारत में नहीं बल्कि आयरलैंड में है। बताया जाता है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। दुनिया में रहस्यमय मंदिर और मुर्तियां हैं। एक ऐसा ही रहस्यमयी शिवलिंग है, लेकिन यह भारत में नहीं बल्कि आयरलैंड में है। बताया जाता है कि आयरलैंड में जादुई ताकत रखने वालों ने सैकड़ों साल पहले इस शिवलिंग को स्थापित किया था। कई बार लोगों ने इसको नुकसान पहुंचाने की कोशिश की, लेकिन कोई भी कुछ नहीं बिगाड़ सका।
आयरलैंड की काउंटी मीथ में तारा हिल इलाके में पत्थर के चौड़े ईंटों का घेरा बनाकर इस शिवलिंग को स्थापित किया था। वहां के लोग इसे रहस्यमय पत्थर मानते हैं और लिआ फेइल (भाग्य का पत्थर) कहते हैं। इसकी पूजा करते हैं।
फ्रांसीसी भिक्षुओं के एक प्राचीन दस्तावेज-द माइनर्स ऑफ द फोर मास्टर्स के मुताबिक, कुछ खास जादुई ताकत रखने वाले एक समूह के नेता तुथा डि देनन ने इसकी स्थापना की थी। इस दस्तावेज को 1632-1636 में लिखा गया था। तुथा डि देनन यानी देवी दानू के बच्चे, उन्होंने 1897 बीसी से 1700 बीसी तक आयरलैंड पर राज किया। यह पथ्तर इतना खास पत्थर था कि इसका इस्तेमाल 500 ईस्वी तक सभी आयरिश राजाओं के राज्यभिषेक के लिए किया गया।
देवी दानू यूरोपीय परंपरा में एक नदी देवी थीं। इनसे कई नदियां भी जुड़ी हुई हैं। कुछ आयरिश ग्रंथों में दानू देवी के पिता को सबसे अच्छा भगवान कहा जाता है। वैदिक परंपरा में भी दानू देवी का जिक्र किया गया है। दानू देवी दक्ष की बेटी और कश्यप मुनि की पत्नी थीं जो नदियों की देवी थीं। संस्कृत में दानू शब्द का अर्थ है बहने वाला पानी। दक्ष की सती और दानू बेटी थीं। दक्ष की दूसरी बेटी माता सती का विवाह भगवान शिव से हुआ। वैदिक परंपरा को जो लोग मानते हैं उनके मुताबिक लिआ फैल नाम शिव लिंग से बहुत मिलता है।
आयरलैंड के शिवलिंग को कई लोगों ने तोड़ने की कोशिश की, लेकिन इसे कोई नुकसान नहीं हुआ। पूरी दुनिया में भगवान शिव की पूजा होती थी। इस बात कई सबूत मिलते हैं। आईएस आतंकियों द्वारा नष्ट किए प्राचीन शहर पलमायरा, नीमरूद जैसे शहरों में भी शिव की पूजा सबूत मिले थे।