चीन की जेल में बंद मानवाधिकार कार्यकर्ता झांग झान की हालात खराब, कहा- तत्‍काल होनी चाहिए रिहाई

उनके स्‍वास्‍थ्‍य का पूरा ध्‍यान रखे। उनका बेहतर इलाज भी सरकार की जिम्‍मेदारी है।

Update: 2021-11-24 07:52 GMT

जेल में बंद चीन की नागरिक पत्रकार और मानवाधिकार कार्यकर्ता झांग झान की हालात लगातार खराब हो रही है। इसको देखते हुए संयुक्त राष्ट्र के स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञों ने उनकीतत्‍काल रिहाई की मांग की है। उन्‍हें कोरोना महामारी की रिपोर्टिंग के दौरान गिरफ्तार किया गया था। जानकारी के मुताबिक झांग जेल में गिरफ्तारी के खिलाफ भूख हड़ताल पर हैं जिसकी वजह से उनकी हालत खराब हो रही है। फिलहाल वो चलने में भी असमर्थ बताए जा रहे हैं। मानवाधिकार विशेषज्ञों ने उनकी जान को खतरा बताया है। इससे पहले अमेरिका भी उनकी रिहाई की मांग कर चुका है।

एक साझा बयान में स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञों ने आगाह किया है कि चीन की सरकार इस ओर ध्‍यान नहीं दे रही है जिसके नतीजे खतरनाक हो सकते हैं। विशेष रैपोर्टेयर ने उन्हें चिकित्सा देखभाल मुहैया कराने के साथ-साथ, बिना किसी शर्त के रिहा किये जाने की मांग की है। यूएन विशेषज्ञों का कहना है कि 38 वर्षीय महिला पत्रकार को शंघाई में मई 2020 से हिरासत में रखा गया है। बता दें कि झांग झान को परेशानी खड़ी करने और झगड़ा करने के आरोप में कोर्ट ने चार साल की सजा सुनाई है।
झांग को पहले आनलाइन माध्यम पर एक वीडियो साझा करने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था। इस दौरान उन्‍होंने कोरोना के खिलाफ सरकार के प्रयासों और व्‍यवहार को गलत बताया था। यूएन रैपोर्टेयर के मुताबिक सरकार ने उनके ऊपर झूठी जानकारी फैलाने और कोरोना महामारी के फैलाव के प्रति देश को लेकर नकारात्मक माहौल बनाने का आरोप लगाया था। यूएन विशेषज्ञों ने झांग की गिरफ्तारी पर चिंता जताई है। इन विशेषज्ञों का कहना है कि ये सब कुछ बेहद चिंताजनक है। इन विशेषज्ञों का ये भी कहना है कि पहली नजर में ये मामला जानकारी पर रोक लगाने जैसा है। झांग की गिरफ्तारी बदले की कार्रवाई है।
बता दें कि झांग को खराब स्‍वास्‍थ्‍य की वजह से जुलाई 2021 में भी करीब 11 दिनों तक जेल के अस्‍पताल में भर्ती रहना पड़ा था। यहां पर उन्‍हें बांधकर रखा जाता था और जबरन उन्‍हें खाना खिलाया जाता था। यूएन की तरफ से ये भी कहा गया है कि जब तक झांग हिरासत में हैं तब तक ये चीन की सरकार का दायित्‍व है कि वो उनके स्‍वास्‍थ्‍य का पूरा ध्‍यान रखे। उनका बेहतर इलाज भी सरकार की जिम्‍मेदारी है।


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