अटलांटिक सागर में बना विशाल डेल्टा, यहां महीनों से सुलग रहा ला पाल्मा ज्वालामुखी
अटलांटिक सागर में बना विशाल डेल्टा
प्राकृतिक आपदाएं हमेशा से हानिकारक रही हैं। भूकंप, बाढ़ या फिर कोई दूसरी आपदा हो, इनका असर इंसान की जिंदगी पर बहुत गहरा पड़ता है। वहीं ज्वालामुखी विस्फोट का मंजर भी काफी भयावह होता है। इस समय पिछले करीब दो महीने से स्पेन ज्वालामुखी विस्फोट का कहर झेल रहा है। स्पेन के केनरी आइलैंड में स्थित ला पाल्मा ज्वालामुखी शांत नहीं हो रहा है। करीब दो महीनों से ये ज्वालामुखी लगातार लावा उगलता ही जा रहा है।
इसका नतीजा भी अब काफी भयावह हो गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक ज्वालामुखी से लगातार निकल रहे गर्म लावा की वजह से करीब 1484 इमारतें जलकर खाक हो गई हैं। इसके अलावा ला पाल्मा ज्वालामुखी से निकल रहा लावा केनरी आइलैंड को पार करके अटलांटिक महासागर में पहुंच गया है और यहां एक नया डेल्टा बना दिया है। आइये इस रिपोर्ट में जानते हैं ज्वालामुखी के बाद उत्पन्न हुए भयावह मंजर के बारे में...
स्पेन के केनरी आइलैंड पर बीते 50 साल के बाद ज्वालामुखी विस्फोट हुआ है। ज्वालामुखी फटने के बाद शुरुआत में पहाड़ों के बीच हुए विस्फोट से निकलता लावा लोगों ने देखा। अब ये लावा सड़कों, घरों को पार करते हुए अटलांटिक महासागर में पहुंच गया है। वहीं लावा की वजह से हजारों घर, खेती से जुड़ी कई इमारतें, औद्योगिक इमारतें और भी कई इमारतें जल कर खाक हो चुकी हैं।
ज्वालामुखी से निकलने वाले लावा की नदियां पूरे आइलैंड से बहकर समुद्र तक पहुंच चुकी हैं। वहीं जमीन के गर्भ से निकल रहे राख की वजह से पूरा आइलैंड राख के पहाड़ों में तब्दील हो चुका है। हैरानी की बात ये है कि अब इस ज्वालामुखी के मुंह से लावा के बड़े-बड़े गर्म पिघले हुए पाइरोक्लास्टिक पत्थर निकल रहे हैं।
इतने भयावह मंजर के बाद अब वैज्ञानिकों को एक और हैरान कर देने वाला मंजर दिखा है। इस ज्वालामुखी के दक्षिणी ओर से एक नया मुंह खुल गया है, जहां से लावा तेजी से निकल रहा है। यहां से निकलने वाले लावा की गति 600 मीटर प्रतिघंटा है। इसके अलावा यहां पर लगातार भूकंपीय गतिविधियां भी हो रही हैं।
इस ज्वालामुखी से निकलने वाली राख 4800 मीटर ऊंचाई तक जा रही है। इसके बाद हवा के साथ आसपास के इलाकों को राख के ढेर में तब्दील कर रही है। वहीं समुद्र में बना नया डेल्टा गर्म है। लावा जब अटलांटिक महासागर से मिलता है तब धुआं बनता है। इसलिए वहां से लगातार सफेद धुआं उठ रहा है। सिर्फ यही नहीं घने धुएं और राख की वजह से वहां पर उड़ान सेवाएं भी बंद हैं।
वैज्ञानिकों ने ज्वालामुखी विस्फोट को लेकर पहले से आशंका जाता दी थी। वैज्ञानिकों ने ला पाल्मा ज्वालामुखी के आसपास के इलाकों में 4000 से ज्यादा छोटे भूकंपों को दर्ज किया था। अगर लगातार कहीं पर भूकंपीय गतिविधि होती है और वहां पर ज्वालामुखी होता है तो उसके फटने की आशंका बढ़ जाती है। इस खतरे को देखते हुए 11 सितंबर के आसपास स्थानीय प्रशासन ने चेतावनी जारी करते हुए कह दिया था कि ला पाल्मा ज्वालामुखी किसी भी समय फट सकता है।