हबल टेलीस्कोप ने खींची आलीशान दृश्य की फोटो, नासा ने शेयर कर पूछा ये सवाल
NASA की खबर
'Nature Photography Day' 15 जून को होता है. दुनियाभर के फोटोग्राफर प्रकृति की सुंदर तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं. ऐसे में नासा (NASA) का फोटोग्राफर- हबल टेलीस्कोप (Hubble Telescope) कैसे पीछे रह सकता है. नासा के हबल टेलीस्कोप के इंस्टाग्राम पेज से एक तस्वीर मंगलवार को शेयर की गई. इस तस्वीर के साथ नासा ने #NaturePhotographyDay का इस्तेमाल किया और लिखा- 'क्या ये #NaturePhotographyDay के लिए काउंट होगी?' हबल द्वारा खींची गई ये तस्वीर दरअसल लैगून नेबुला की है.
तस्वीर शेयर करते हुए नासा ने इंस्टाग्राम पर लिखा, 'हबल का सुंदर लैगून नेबुला का दृश्य आपको प्रकृति में एक शांतिपूर्ण और आलीशान दृश्य के बारे में सोचने पर मजबूर कर सकता है. जैसे पानी सूर्यास्त के रंगों को पकड़ रहा हो या तूफान के बाद बादलों के माध्यम से प्रकाश झांक रहा हो.' नासा ने पोस्ट में लिखा कि वास्तव में लैगून नेबुला एक स्टार नर्सरी है जो हमसे करीब 4000 प्रकाश वर्ष दूर स्थित है. NASA हमेशा ही इस तरह की तस्वीरों को शेयर करता रहता है. वह अपने आधिकारिक अकाउंट्स से लोगों को ब्रह्मांड की खूबसूरती को दिखाता रहा है.
अंतरिक्ष के खतरों से बचाएगा टेलीस्कोप
बता दें कि नासा एक और स्पेस टेलीस्कोप की टेक्नोलॉजी पर काम कर रहा है. अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA का स्पेस टेलिस्कोप पृथ्वी के लिए खतरनाक माने जाने वाले एस्टेरॉयड और धूमकेतुओं का तुरंत पता लगाने में सक्षम होगा. इसके जरिए पृथ्वी को बाहरी अंतरिक्ष (Space) के खतरे से बचाया जा सकता है. इसका नाम 'नियर-अर्थ ऑब्जेक्ट सर्वेयर स्पेस टेलिस्कोप' या फिर कहें NEO सर्वेयर है. NASA ने इसे डिजाइन चरण के लिए मंजूरी दे दी है.
2026 में किया जाएगा लॉन्च
20 फुट लंबा इन्फ्रारेड टेलिस्कोप पृथ्वी की कक्षा के 4.8 करोड़ किलोमीटर के दायरे में आने वाले एस्टेरॉयड और धूमकेतुओं को ढूंढ़ने में मदद करेगा. NASA का ये मिशन 2026 की पहली छमाही में लॉन्च किया जाएगा. NEO सर्वेयर प्रोग्राम साइंटिस्ट माइक केली ने एक बयान में कहा, NEO सर्वेयर पृथ्वी के लिए खतरा पैदा करने वाले एस्टेरॉयड और धूमकेतुओं को खोजने का काम करेगा. इसे सर्वेयर को आकार में 149 मीटर के 90 फीसदी एस्टेरॉयड को खोजने के लिए डिजाइन किया गया है. उन्होंने कहा कि इस तरह के एस्टेरॉयड को ये टेलिस्कोप लॉन्च के 10 सालों के भीतर खोज लेगा. इसके जरिए धरती की रक्षा और मजबूत हो सकेगी.