आखिर कैसे हुआ अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा? कई कारणों का पता लगाने में जुटी नाटो
नाटो ने उन कारणों का पता लगाने के लिए व्यापक शुरू की है
नाटो ने उन कारणों का पता लगाने के लिए व्यापक शुरू की है, जिसके चलते अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा हुआ। रूस में तालिबान एक प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन है। जर्मनी के अखबार डाई वेल्ट में शनिवार को प्रकाशित अपने लेख में नाटो के महासचिव जेन स्टोल्टेनबर्ग ने यह बात कही है।
जेन ने कहा कि मध्य एशियाई देश में हाल में जो कुछ भी हुआ वह बहुत ही दुखद रहा। इन घटनाओं से अफगान के साथ ही पूरी दुनिया हैरान रह गई। उन्होंने यह भी कहा है कि नाटो को इससे सबक लेना चाहिए। उन्होंने कहा है कि कई सवाल हैं जिनके जवाब तलाशे जाने हैं।
स्टोल्टेनबर्ग ने कहा किनाटो ने अफगानिस्तान में अपनी भागीदारी के संबंध में बचे हुए कई सवालों के जवाब खोजने के लिए एक व्यापक जांच शुरू की गई है। हालांकि अभी तक जांच के परिणामों का आकलन करना जल्दबाजी होगी, लेकिन कुछ निष्कर्ष सामने आए हैं। महासचिव का मानना है कि नाटो के माध्यम से सहयोग करने के लिए अमेरिका और यूरोप को प्रेरित करने के लिए अफगान संकट आखिरी नहीं है, क्योंकि हमेशा कोई न कोई उन्हें चोट पहुंचाने के लिए तैयार रह रहा होगा।
तालिबान ने अगस्त के मध्य में काबुल में सत्ता पर कब्जा कर लिया था। इसके बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय को अपने नागरिकों और अफगान सहयोगियों को निकालने के लिए युद्ध स्तार पर अभियान शुरू करना पड़ा। तब से अफगानिस्तान की स्थिति बेहद चिंताजनक बनी हुई है। प्रमुख वैश्विक और क्षेत्रीय शक्तियां मध्य एशिया में स्थिरता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के तरीके खोजने की कोशिश में जुटी हुई हैं।