अल कायदा सरगना अल-जवाहिरी का अमेरिका ने कैसे किया काम तमाम, जानिए पूरी कहानी

सालेह ने कहा कि अमेरिका के विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन जिस तरह से तालिबान पर नरम रवैया रखते हैं, वो भी इसमें बारे में काफी कुछ कह जाता है।

Update: 2022-08-03 10:01 GMT

काबुल: अफगानिस्‍तान के पूर्व उपराष्‍ट्रपति अमरुल्‍ला सालेह ने कहा है कि पाकिस्‍तान ने डॉलर के बदले अमेरिका को अल कायदा के सरगना अयमान अल जवाहिरी के बारे में जानकारी दी। इससे पहले अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडेन ने पूरी दुनिया को बताया था कि रविवार को काबुल में हुई एक ड्रोन स्‍ट्राइक में ओसामा बिन लादेन के बाद नंबर दो जवाहिरी को ढेर कर दिया गया है। सालेह ने ट्विटर पर अपनी प्रतिक्रिया तो दी ही साथ ही साथ भारतीय म‍ीडिया के साथ बातचीत में भी इसे दोहराया। जवाहिरी 9/11 का मास्‍टरमाइंड था और उसके खत्‍म होने के बाद बाइडेन ने कहा कि अब इंसाफ हो गया है। सालेह से पहले पाकिस्‍तान के रोल पर कई विशेषज्ञों ने सवाल उठाए थे।



कर्ज के बदले जवाहिरी
सालेह के मुताबिक लादेन को भी पाकिस्‍तान में इसी तरह से अमेरिकी ड्रोन हमले में मारा गया था। जवाहिरी को भी पहले पाकिस्‍तान के आर्मी जनरल हेडक्‍वार्टर से काबुल लाया गया। उन्‍होंने कहा, 'अगर शम्‍सी एयरबेस के लिए कोई कीमत दी गई थी तो फिर उसे जिसने मारा है उसे सलाम है।' उसके बाद उन्‍होंने कहा कि आपको कड़‍ियों को जोड़ने की जरूरत है। सालेह ने कहा कि क्‍या पाकिस्‍तान ने जवाहिरी को आईएमएफ कर्ज की कीमत के बदले अमेरिका को सौंप दिया? सालेह ने आशंका जताई कि इस्‍लामाबाद ने अच्‍छी-खासी डील की है और उसे इसके बदले कई अरबों डॉलर मिले हैं।


सालेह इस समय अफगानिस्‍तान की पूर्व सरकार के अकेले प्रति‍निधि हैं जो देश में मौजूद हैं। उन्‍होंने कहा कि पाक ने हमेशा से ही तालिबान के साथ संबंध बरकरार रखे हैं। ऐसे में काबुल में जो कुछ भी हुआ है उसके पीछे पाकिस्‍तान का हाथ है। पाकिस्‍तान ने तालिबान को ताकतवर किया है। उन्‍होंने कहा कि कि उन्‍हें इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि पाक आर्मी चीफ जनरल बाजवा और आईएमएम के अधिकारियों के बीच क्‍या बात हुई लेकिन इस पूरे घटनाक्रम की टाइमिंग चौंकाने वाली बात है।
पाकिस्‍तान में सुरक्षित था जवाहिरी
सालेह का कहना है कि जवाहिरी, पाकिस्‍तान में देश की सुरक्षा में था। पाकिस्‍तान ने हमेशा से अफगानिस्‍तान की स्थिति का भी फायदा उठाने की कोशिश की है। पाक हमेशा से ही आर्थिक मदद के लिए अमेरिका पर निर्भर रहा है। उन्‍होंने दावा किया जवाहिरी को जिस मिशन के तहत ढेर किया है, उसमें तालिबान, हक्‍कानी, आईएसआई और अमेरिका के बीच पर्दे के बीच काफी कुछ हुआ है। पाकिस्‍तान ने भी इसमें काफी मदद की है ताकि जवाहिरी को मारा जा सके। सालेह ने कहा कि अमेरिका के विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन जिस तरह से तालिबान पर नरम रवैया रखते हैं, वो भी इसमें बारे में काफी कुछ कह जाता है।

Tags:    

Similar News

-->