रूस और यूक्रेन की जंग के बीच अमेरिका के साथ-साथ यूरोपीय देश भी खुलकर यूक्रेन की मदद के लिए आगे आ रहे हैं. नॉर्वे ने यूक्रेन को मिस्ट्रल एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइल सिस्टम (Mistral anti-aircraft missile systems) दिया है. वहीं, डेनमार्क भी बड़ी तादाद में यूक्रेन को हथियार देने की योजना बना रहा है. डेनमार्क के मीडिया समूह OLFI की रिपोर्ट के मुताबिक, डेनमार्क यूक्रेन को दर्जनों बख्तरबंद गाड़िया और मोर्टार देने जा रहा है. डेनमार्क की तरफ से यूक्रेन को 25 पिरान्हा-3 बख्तरबंद गाड़िया, 50 M-113 बख्तरबंद गाड़ियां, और M-10 मोर्टार के साथ हजारों की तादाद में गोले मिलेंगे.
नॉर्वे के रक्षा मंत्री ब्योर्न एरिल ग्रैम के मुताबिक मिस्ट्रल एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइल सिस्टम बेहद ही उपयोगी हथियार है. इसके जरिए तीन किलोमीटर तक कम ऊंचाई पर विमानों और हेलीकॉप्टरों को नीचे गिराया जा सकता है. ये क्रूज मिसाइलों को भी गिराने में सक्षम हैं.
बता दें कि इससे पहले जंग में सिविलियन ड्रोन के इस्तेमाल की जानकारी भी सामने आई थी. यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय ने एक फेसबुक पोस्ट में अपने नागरिकों से कहा था कि वे कमर्शियल ड्रोन का उपयोग पता लगाए कि रूसी सेना कब क्या कर रही है. उसकी मूवमेंट क्या है? पोस्ट में लिखा गया था कि, क्या आपके पास ड्रोन है? इसे अनुभवी पायलटों के लिए उपयोग में लाएं! क्या आप ड्रोन चलाना जानते हैं? कीव शहर की ब्रिगेड के साथ संयुक्त गश्त में शामिल हों! कीव हमारा घर है, इसकी रक्षा करना एक हमारा काम है. आपको और आपके ड्रोन को इस भयंकर क्षण में कीव की जरूरत है. भले ही लोग अपने खुद के ड्रोन उड़ाने में विशेष रूप से कुशल नहीं हैं, फिर भी उन्हें इसके लिए तैयार हो जाने को कहा जा रहा है.
जंग के बीच यूक्रेन रूस पर कई सनसनीखेज आरोप लगा रहा है. यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने हाल ही में आरोप लगाया था कि पुतिन की रूसी फौज युद्ध के बीच यूक्रेन के 5 लाख लोगों को जबरन अपने साथ रूस ले गई है. उन्होंने रूस पर युद्ध नियम तोड़ने का आरोप लगाया था. जेलेंस्की ने कहा था कि पुतिन यूक्रे के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र को भी चुनौती दे रहे हैं.