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वे बड़े होने पर वायरस के खिलाफ कमजोर होंगे.
कोरोनावायरस (Coronavirus) के ओमिक्रॉन वेरिएंट (Omicron Variant) ने पूरी दुनिया में कहर बरपा रखा है. नवंबर में पहली बार खोजा गया म्यूटेटेड स्ट्रेन तेजी से दुनियाभर में फैल गया है. ओमिक्रॉन वेरिएंट की वजह से अस्पतालों में भर्ती होने की दर में इजाफा हुआ है. कई मुल्कों में इस वेरिएंट की वजह से पहले में दबाव में चल रहे हेल्थकेयर सिस्टम पर अधिक प्रेशर पड़ा है. कई एक्सपर्ट्स का कहना है कि मौजूदा वैक्सीन ओमिक्रॉन के खिलाफ कारगर साबित नहीं हो रहे हैं. ओमिक्रॉन वेरिएंट का सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका (South Africa) में पता चला था.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, विभिन्न लैबोरेटरी में किए गए स्टडी में संकेत मिला है कि वैक्सीन (Covid-19 Vaccine) ओमिक्रॉन के खिलाफ कुछ एंटीबॉडी पैदा कर रहे हैं. विश्व स्तर पर अभी तक 10 अरब वैक्सीन डोज लगाई गई है. वहीं, जब कोरोना से हालात खराब होने लगे तो लोगों ने ये सवाल पूछना शुरू कर दिया कि आखिर ये महामारी कब खत्म होगी? रिसर्चर्स के मुताबिक, ओमिक्रॉन निश्चित रूप से सामने आने वाले कोरोनावायरस का अंतिम वेरिएंट नहीं है. वैज्ञानिकों का कहना है कि कोविड-19 अंततः एक एंडेमिक (Covid-19 Endemic) बन जाएगा और दुनिया को इसके साथ रहना सीखना होगा.
भविष्य में शायद नहीं दिखे घातक महामारियां
लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन के एक महामारी विज्ञानी सेबस्टियन फंक ने वैज्ञानिक पत्रिका नेचर को बताया, 'मुझे लगता है कि इस बात की उम्मीद जताई जा रही है कि हमारी आबादी के पास इतनी इम्युनिटी हो जाएगी कि हम भविष्य में अब बहुत घातक महामारियों को नहीं देखेंगे.' हालांकि, शीर्ष वायरोलॉजिस्ट एरिस काटजोराकिस ने कोरोनावायरस बीमारी को हानिरहित मानने के खिलाफ चेतावनी देते हुए कहा कि ये एंडेमिक हो जाएगा, ये सोचना गलत है. कुछ दिनों पहले नेचर में प्रकाशित एक आर्टिकल में, काटजोराकिस ने कहा कि एंडेमिक महामारी की सबसे खराब इस्तेमाल होने वाली चीज बन गई है.
एंडेमिक होने में लगेंगे कई दशक
ब्रिटेन के एडिनबर्ग यूनिवर्सिटी में एक संक्रामक-रोग महामारी विज्ञानी मार्क वूलहाउस का मानना है कि कोविड-19 केवल तभी एंडेमिक होगा, जब अधिकांश वयस्कों को गंभीर संक्रमण से बचाया जाएगा. इसके पीछे की वजह ये है कि शुरुआत में वे बच्चों के रूप में वायरस के संपर्क में आए हैं और उन्होंने अब वायरस के खिलाफ इम्युनिटी विकसित की है. वूलहाउस के अनुसार, ऐसा होने में दशकों लगेंगे और कई वयस्क जो बच्चों के रूप में वायरस के संपर्क में नहीं आए थे. वे बड़े होने पर वायरस के खिलाफ कमजोर होंगे.