हर्षवर्धन श्रंगला: अफगान क्षेत्र का उपयोग हमला करने या आतंकवादियों को पनाह देने के लिए नहीं

अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में काबिज होने के साथ ही सोमवार को अमेरिकी सेना भी वहां से वापस हो गई है।

Update: 2021-08-31 02:32 GMT

भारतीय समयानुसार सोमवार रात यूएनएससी में पारित एक प्रस्ताव में कहा गया है कि अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल किसी दूसरे देश पर हमला करने, धमकाने या आतंकवादियों को सुरक्षित पनाह देने के लिए नहीं किया जाएगा। भारत इस समय यूएनएससी का अध्यक्ष है। अफगान मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रंगला ने कहा कि आज का प्रस्ताव महिलाओं के अधिकारों, अल्पसंख्यकों के अधिकारों के महत्व पर प्रकाश डालता है। विशेष रूप से अफगानिस्तान में सिख और हिंदू अल्पसंख्यकों के लिए। इसने लोगों के सुरक्षित आवागमन और अफगानिस्तान के साथ अपने जुड़ाव में आवश्यक कदम उठाने की आवश्यकता का संकेत दिया है।

विदेश सचिव ने कहा कि अफगानिस्तान, समुद्री सुरक्षा, मध्य पूर्व, म्यांमार, सीरिया, यमन जैसे प्रमुख मुद्दों के साथ यूएनएससी के लिए अगस्त का महीना व्यस्त रहा है। इसके साथ ही श्रंगला ने यूएनएससी के सभी सदस्यों को उनके समर्थन और सहयोग के लिए धन्यवाद दिया।


उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान पर आज का संकल्प UNSC 1267 द्वारा नामित आतंकवादी व्यक्तियों और संस्थाओं को रेखांकित करता है। यह भारत के लिए प्रत्यक्ष महत्व का है। अफगान क्षेत्र का उपयोग किसी भी देश को धमकाने, हमला करने या आतंकवादियों को पनाह देने या प्रशिक्षित करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए।
श्रंगला ने कहा, 'भारत ने हमेशा अफगानिस्तान में अल्पसंख्यकों विशेषकर सिखों, हिंदू अल्पसंख्यकों को सहायता प्रदान की है। यह उन अफगान नागरिकों को निकालने के हमारे प्रयासों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिनमें अल्पसंख्यक भी शामिल हैं जो अफगानिस्तान छोड़ना चाहते हैं।'
गौरतलब है कि अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में काबिज होने के साथ ही सोमवार को अमेरिकी सेना भी वहां से वापस हो गई है।


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