हैकर्स को अमेरिकी कंपनी ने दी 32 करोड़ से ज्यादा की फिरौती, CEO ने बताई वजह
अमेरिका की एक ईंधन कंपनी कोलोनियल पाइलाइन (Colonial Pipeline) ने साइबर अपराध से जुड़े
अमेरिका की एक ईंधन कंपनी कोलोनियल पाइलाइन (Colonial Pipeline) ने साइबर अपराध से जुड़े गैंग को 4.4 मिलियन डॉलर (करीब 32 करोड़ 20 लाख रुपये) की फिरौती दी है. ये बात कंपनी के सीईओ जोसेफ ब्लॉन्ट (Joseph Blount) ने वॉल स्ट्रीट जरनल से कही है. कंपनी के ऑपरेटर को 7 मई को साइबर हमले के बारे में तब पता चला था जब कंपनी के एक कर्मचारी को कंट्रोल-रूम कंप्यूटर पर हैकर्स की ओर से फिरौती वाला नोट मिला. उस रात कंपनी के सीईओ को एक मुश्किल फैसला लेना पड़ा और हैकर्स को फिरौती की ये रकम देने के लिए उन्होंने मजबूरन हामी भर दी.
जोसेफ ने वॉल स्ट्रीट जरनल से कहा कि उन्होंने 4.4 मिलियन डॉलर की फिरौती देने को मंजूरी इसलिए दी थी क्योंकि अधिकारियों को नहीं पता था कि साइबर हमले ने कंपनी के सिस्टम को कितनी बुरी तरह नुकसान पहुंचाया है या फिर पाइपालइन में पहले की तरह काम करने में कितना वक्त लग सकता है (Cyber Attack on Colonial Pipeline). मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी के अध्यक्ष ने कहा है, कोलोनियल पाइपलाइन ने हैकर्स को 4.4 मिलियन डॉलर की फिरौती एक साइबर हमले के बाद इसलिए दी क्योंकि 'ये देश के लिए की गई एक सही चीज थी.' ऐसा पहली बार है जब इस कंपनी की ओर से किसी ने हैकर्स को फिरौती देने संबंधित सार्वजनिक बयान दिया है.