अमेरिकी कोर्ट पहुंचा भारतीय पेशेेवरों में लोकप्रिय H-4 वीजा का मामला

दालत ने बाइडन प्रशासन से इस वीजा के बारे में स्टेटस रिपोर्ट मांगी है।

Update: 2021-02-09 11:30 GMT

अमेरिका में भारतीय पेशेेवरों में लोकप्रिय एच-4 वीजा का मामला कोर्ट पहुंच गया है। अदालत ने बाइडन प्रशासन से इस वीजा के बारे में स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। सत्ता में आने के बाद बाइडन प्रशासन ने इस वीजा के तहत काम करने के अधिकार को बहाल करने का निर्णय लिया है। ट्रंप प्रशासन ने इस अधिकार पर रोक लगा दी थी। ओबामा काल में एच-4 वीजा धारकों को रोजगार का अधिकार दिया गया था। इस अधिकार से एच-1बी वीजा धारक भारतीय आइटी पेशेवरों की पत्नियां सबसे ज्यादा लाभांवित हुई।

कोलंबिया की अपीलीय जिला अदालत की जज तान्या एस चुटकन ने प्रस्तावित आदेश के साथ ही वीजा के बारे में स्टेटस रिपोर्ट चार मार्च तक देने को कहा है। अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवा (यूएससीआइएस) विभाग एच-4 वीजा एच-1बी वीजा धारकों के करीबी पारिवारिक सदस्यों (पति या पत्नी और 21 साल से कम उम्र के बच्चों) को जारी करता है। वर्ष 2017 में ट्रंप प्रशासन ने एलान किया था कि वह ओबामा काल के उस नियम को खत्म करेगा, जिसके तहत एच-1बी वीजा धारकों के जीवनसाथियों को रोजगार का अधिकार मिला है। एच-1बी वीजा भारतीय आइटी पेशेवरों में काफी लोकप्रिय है। इस वीजा के आधार पर अमेरिकी कंपनियां उच्च कुशल विदेशी कामगारों को रोजगार देती हैं। हर साल विभिन्न श्रेणियों में 85 हजार वीजा जारी किए जाते हैं। यह वीजा तीन साल के लिए जारी होता है।


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