काबुल: अफगानिस्तान की राजधानी काबुल स्थित गुरुद्वारे पर हुए हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ने ली है। अब खबर है कि पैगंबर मोहम्मद को लेकर की गई टिप्पणी के जवाब में इस हमले को अंजाम दिया गया था। इस हमले में 2 लोगों की मौत हो गई थी। खास बात है कि हाल ही में भारतीय जनता पार्टी की पूर्व प्रवक्ता ने पैगंबर को टीवी डिबेट के दौरान बयान दिया था। इसके बाद ही बड़ा विवाद खड़ा हो गया था।
आतंकी संगठन के एक स्थानीय सहयोगी ने अपने टेलीग्राम चैनल पर लिखा कि हमला पैगंबर मोहम्मद के अपमान पर प्रतिक्रिया थी। इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रोविंस की ने कहा कि उनके एक लड़ाके ने 'काबुल में हिंदू और सिख मंदिर में प्रवेश किया, उसके गार्ड को मारने के बाद अंदर मौजूद मूर्ति पूजा करने वालों पर मशीन गन और हैंड ग्रेनेड्स का इस्तेमाल किया।'
खास बात है कि इससे कुछ दिन पहले ही ISKP ने एक वीडियो जारी किया था, जिसमें हिंदुओं और सिखों पर हमले की चेतावनी दी गई थी। आतंकी संगठन की तरफ से जारी वीडियो में भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा का जिक्र किया गया था। साथ ही इसमें मार्च 2020 में गुरुद्वारे पर हुए हमले की बात भी शामिल थी। आतंकी संगठन ने इस तरह के और हमले करने की चेतावनी दी थी। अफगानिस्तान में सिख अल्पसंख्यक हैं। खबर है कि सरकार ने ताजा घटना के बाद 100 सिख और हिंदुओं को ई-वीजा दिया है।
भाषा के अनुसार, शनिवार को एक गुरुद्वारे में कई विस्फोट हुए, जिनमें एक सिख सहित दो लोगों की मौत हो गई और सात अन्य घायल हो गए। वहीं, अफगान सुरक्षाकर्मियों ने विस्फोटक लदे एक वाहन को गुरुद्वारे में प्रवेश करने से रोककर एक बड़ी घटना को टाल दिया। पझवोक समाचार एजेंसी ने बताया कि तालिबान सुरक्षा बलों ने तीन हमलावरों को मार गिराया।
तालिबान द्वारा नियुक्त गृह मामलों के प्रवक्ता अब्दुल नफी ताकोर ने कहा कि अफगानिस्तान में सिख समुदाय के पूजा स्थल पर नवीनतम लक्षित हमले में, शनिवार सुबह काबुल के बाग ए बाला क्षेत्र में कार्ते परवान गुरुद्वारे पर हमला हुआ और आतंकवादियों तथा तालिबान लड़ाकों के बीच कई घंटे तक मुठभेड़ चली।