रूस में पढ़ रहे भारतीय छात्रों के लिए दिशानिर्देश जारी

Update: 2022-03-11 13:06 GMT

रूस-यूक्रेन (Russia-Ukraine War) के बीच चल रहे युद्ध की वजह से दोनों ही मुल्कों में पढ़ने वाले छात्र चिंतित हैं. दरअसल, यूक्रेन (Ukraine) में पढ़ने वाले छात्र युद्ध की वजह से वहां फंस गए हैं, जबकि रूस (Russia) में रहने वाले छात्र को अभी तक इस तरह की परेशानी नहीं झेलनी पड़ी है. वहीं, रूस में भारत के दूतावास (Indian Embassy in Russia) ने वहां पढ़ रहे भारतीय छात्रों के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं. इसने कहा कि सभी छात्रों को आश्वस्त किया जाता है कि वर्तमान में हमें उनके रूस छोड़ने के लिए कोई सुरक्षा कारण नहीं दिख रहा है. रूस-यूक्रेन के बीच पिछले 15 दिनों से युद्ध चल रहा है.

भारतीय दूतावास को रूस (Indian Embassy) की यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों से मैसेज मिल रहे हैं. ये छात्र पूछ रहे हैं कि क्या उन्हें देश में रुकना चाहिए या नहीं. ऐसे में दूतावास ने रूस में पढ़ रहे भारतीय छात्रों (Indian Students in Russia) के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं. दिशानिर्देशों (Indian Embassy Guidelines) के तहत, दूतावास सभी छात्रों को आश्वस्त करना चाहता है कि वर्तमान में हम उनके रूस छोड़कर जाने के लिए कोई सुरक्षा कारण नहीं दिखता है. छात्रों सहित भारतीय नागरिकों की सुरक्षा और रक्षा के संबंध में दूतावास संबंधित अधिकारियों के साथ नियमित संपर्क में है.

दिशानिर्देशों में कहा गया, रूस में बैंकिंग सेवाओं और रूस से भारत के लिए डायरेक्ट फ्लाइट कनेक्टिविटी में कुछ व्यवधान देखने को मिला है. यदि छात्र इन मुद्दों को लेकर चिंतित हैं और वे भारत वापस जाना चाहते हैं, तो वे ऐसा कर सकते हैं. इसमें कहा गया, अकादमिक कार्यक्रमों के संबंध में, कई यूनिवर्सिटीज द्वारा दूतावास को सूचित किया गया है कि वे पहले ही ऑनलाइन डिस्टेंस लर्निंग मोड में पढ़ाई करवा रहे हैं. छात्रों को सलाह दी जाती है कि वे बिना किसी व्यवधान के अपनी पढ़ाई को जारी रख सकते हैं. वे अपने उचित विषयों को बिना किसी व्यवधान के अपने संबंधित यूनिवर्सिटी की सलाह से पढ़ना जारी रख सकते हैं.

भारत ने युद्धग्रस्त यूक्रेन के विभिन्न शहरों से अपने नागरिकों को बाहर निकालने में मदद करने के लिए शुक्रवार को यूक्रेन, रूस और रेडक्रॉस का आभार व्यक्त किया. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्विटर पर अपने पोस्ट में खास तौर पर यूक्रेन के उत्तर पूर्वी शहर सूमी से भारतीय छात्रों की निकासी का उल्लेख किया जो 'बेहद चुनौतीपूर्ण' था. उन्होंने 'ऑपरेशन गंगा' अभियान के तहत भारतीय नागरिकों को देश वापस लाने में 'अभूतपूर्व सहयोग' के लिये यूक्रेन के पड़ोसी देशों रोमानिया, हंगरी, पोलैंड, स्लोवाकिया और माल्दोवा को भी धन्यवाद दिया.


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