ग्रीनलैंड : चीन का साथ देने वाली पार्टी ने सत्ता गंवाई
जिसे लोगों ने स्वीकार किया। बता दें कि ग्रीनलैंड पहले ही बर्फ के पिघलने से चिंतित है।
आर्कटिक क्षेत्र में पूरे साल बर्फ से ढंके महज 56 हजार आबादी वाले ग्रीनलैंड में वामपंथी पर्यावरणवादी पार्टी 'इनुइत एटाकाटीगीट' ने चीन द्वारा समर्थित सत्तापक्ष को आम चुनाव में धूल चटा दी है।
इस चुनाव पर दुनिया भर की नजरें थीं क्योंकि ग्रीनलैंड में 17 तत्वों से बना दुर्लभ खनिज मिलता है जिसका इस्तेमाल इलेक्ट्रॉनिक्स और हथियार बनाने में होता है और सत्तापक्ष की चीन से नजदीकी थी।
इनुइत एटाकाटीगीट (कम्युनिटी ऑफ द पीपुल) ने चीन द्वारा समर्थित दुर्लभ पृथ्वी खनन परियोजना का विरोध किया था जिसे लेकर यहां की सत्तारूढ़ पार्टी सोशल डेमोक्रेटिक सियुमट (फॉरवर्ड) को चीन का समर्थन मिला हुआ था।
हालांकि जीत के बाद इनुइत एटाकाटीगीट पार्टी को गठबंधन पर बातचीत करने की जरूरत होगी लेकिन इस मामले में उसे ज्यादा परेशानी नहीं आएगी। पार्टी के नेता मूते बी. ईगडे ने कहा, देश के दक्षिण में क्वेंफजेल्ड में खनन परियोजना को रोका जाएगा।
बता दें कि ग्रीनलैंड में यूरेनियम का दुनिया का छठा सबसे बड़ा भंडार भी है। इस कारण चीन इस देश में ज्यादा रुचि लेकर खनन परियोजना को हथियाने में जुटा था। यहां के मतदाताओं ने चीन द्वारा दिखाए जा रहे उस सपने को नकार दिया है जो उन्हें खनन के बहाने 'विकास' का रास्ता दिखा रहे थे।
चीन के विरोध ने दिलाई जीत
40 साल में दूसरी बार ऐसा हुआ है कि यहां वामपंथी पार्टी इनुइत एटाकाटीगीट (कम्युनिटी ऑफ द पीपुल) को चुनावों में जीत मिली है। पार्टी को इस बार 37 फीसदी वोट मिले जबकि पिछली बार उसे 26 प्रतिशत वोट ही मिले थे। इस जीत का श्रेय चीन का विरोध करना था। खनन परियोजना का समर्थन करने वाली सोशल डेमोक्रेटिक सियुमट (फॉरवर्ड) को 29 फीसदी वोट ही मिले।
खनन उद्योग को बड़ा झटका
चुनावों में जीतने वाली वामपंथी पार्टी खनन परियोजना के खिलाफ है और इसकी जीत को पूरी दुनिया में खनन उद्योग के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। ऑस्ट्रेलियाई कंपनी ग्रीनलैंड मिनरल्स को भी चीन का समर्थन हासिल है। अमेरिका भी यहां निवेश करना चाहता है। अन्य देश भी खनिज के लिए ग्रीनलैंड की ओर देख रहे हैं। ऐसे में क्वेंफजेल्ड की खदान दुर्लभ खनिज के चलते दुनिया में सबसे अहम बन सकती थी।
लोगों ने नकारा रोजगार का तर्क
चीन का समर्थन करने वाली सोशल डेमोक्रेटिक सियुमट पार्टी का तर्क था कि दुर्लभ खनिज के खनन से लोगों को रोजगार मिलेगा और सालाना करोड़ों डॉलर की कमाई होगी। लेकिन इनुइत एटाकाटीगीट पार्टी ने इस खनन से रेडियो एक्टिव प्रदूषण और जहरीले कचरे की समस्या खड़े होने का तर्क दिया, जिसे लोगों ने स्वीकार किया। बता दें कि ग्रीनलैंड पहले ही बर्फ के पिघलने से चिंतित है।