अफगानिस्तान में वेतन के लिए सड़क पर उतरे सरकारी कर्मचारी, जल्द हो सकती है कंगाली से बेहाली
जल्द हो सकती है कंगाली से बेहाली
काबुल, एएनआइ। अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबान के कब्जे के बाद देश की आर्थिक स्थिति लगातार कमजोर होती जा रही है। आलम यह है कि सरकारी कर्मचारियों को वेतन भुगतान के लिए सड़कों पर उतरना पड़ रहा है। टोलो न्यूज के अनुसार, सरदार मुहम्मद दाऊद खान हास्पिटल तथा शहरी विकास एवं भूमि मंत्रालय के सैकड़ों कर्मचारियों ने वेतन के भुगतान के लिए काबुल में अलग-अलग प्रदर्शन किए। प्रदर्शन में शामिल डा. समीर अहमद ने कहा, 'पिछले छह महीनों से ज्यादा वक्त से वेतन नहीं मिला है। इनमें पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी के कार्यकाल के डेढ़ महीने और तालिबान सरकार के पांच महीने शामिल हैं।'
शहरी विकास मंत्रालय के कर्मचारियों ने की कार्यवाहक मंत्री को बदलने की मांग
एक महिला डाक्टर ने कहा, 'हमें अस्पताल आने-जाने के लिए वाहन किराया देना होता है। खाने-पीने की चीजों भी काफी महंगी हो गई हैं। हम वेतन मांगने के लिए मजबूर हैं।'रिपोर्ट के अनुसार, शहरी विकास मंत्रालय के कर्मचारियों ने कार्यवाहक मंत्री को बदलने की मांग की है। उन्हें सात महीनों से वेतन नहीं मिला है। कर्मचारी खोशबाखतुल्ला अयूबी ने कहा, 'राजधानी समेत पूरे देश में 10 हजार से ज्यादा कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया जा रहा है।' अफगानी मीडिया के मुताबिक, वित्त मंत्रालय ने दावा किया है कि कर्मचारियों के बकाया वेतन के भुगतान की प्रक्रिया शुरू हो गई है। कुछ मंत्रालय के कर्मचारियों को भुगतान किया भी जा चुका है
हेरात में बढ़ी गरीबी
तालिबान शासन के दौरान अफगानिस्तान के तीसरे सबसे बड़े शहर हेरात में गरीबी दर बढ़ी है। अधिकारियों ने टोलो न्यूज को बताया कि बढ़ती गरीबी ने लोगों को प्रभावित किया है। प्रांत के आपदा प्रबंधन प्राधिकार प्रमुख सैयद हबीब रहमान रूहानी का कहना है कि रोजाना दर्जनों लोग मदद के लिए चक्कर काट रहे हैं, लेकिन विभाग के पास संसाधन सीमित हैं। ऐसे में सभी को मदद उपलब्ध कराना मुश्किल है।
तालिबान ने अफगानियों से की वापसी की अपील
कार्यवाहक उप विदेश मंत्री शेर मुहम्मद अब्बास स्टानिकजई ने शनिवार को अफगानियों से स्वदेश वापसी की अपील की। खामा प्रेस के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय प्रवासी दिवस पर काबुल में सभा को संबोधित करते हुए स्टानिकजई ने कहा कि अफगानिस्तान सरकार सामान्य माफी के लिए प्रतिबद्ध है। सभी अफगानी यहां शांति के साथ रह सकते हैं।