पहली रुसी महिला मिलिट्री सर्जन पर Google ने बनाया डूडल, जानें कौन थीं डॉ. वेरा गेड्रोइट्स
दुनिया भर में महामारी कोरोना वायरस का कहर जारी है। लोगों की जान बचाने के लिए डॉक्टर अपना घर परिवार छोड़ दिन रात अस्पतालों में सेवाएं दे रहे हैं।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क: दुनिया भर में महामारी कोरोना वायरस का कहर जारी है। लोगों की जान बचाने के लिए डॉक्टर अपना घर परिवार छोड़ दिन रात अस्पतालों में सेवाएं दे रहे हैं। इस बीच, गूगल ने आज यानी 19 अप्रैल, 2021 पर रूस की पहली महिला मिलिट्री सर्जन डॉ. वेरा गेड्रोइट्स को डूडल बनाकर याद किया है।
19 अप्रैल यानी आज डॉ. वेरा गेड्रोइट्स का 151वां जन्मदिन यानी जयंती है। डॉ. वेरा गेड्रोइट्स को दुनिया की पहली महिला सर्जन प्रोफेसर के तौर पर भी जाना जाता है। एक सर्जन होने के अलावा वेरा गेड्रोइट्स प्रोफेसर, कवि और लेखिका भी थीं। वेरा गेड्रोइट्स को उनके निडर सेवा और युद्ध चिकित्सा के क्षेत्र में अनगिनत जवानों की जान बचाने के लिए याद किया जाता है।
भाई के गम में बन गईं थीं डॉक्टर
डॉ. वेरा गेड्रोइट्स का पूरा नाम वेरा इग्नाटिवेना गेड्रोइट्स था। वेरा गेड्रोइट्स का जन्म 19 अप्रैल को 1870 को कीव के लिथुआनियाई शाही वंश के एक प्रमुख परिवार में हुआ था। उस समय वो रूसी साम्राज्य का हिस्सा था। डॉ.गेड्रोइट्स के पांच भाई बहन थे, जिनमें से एक भाई सर्गेई से उनका सबसे प्रिय था, लेकिन कुछ बीमारियों के चलते उसकी युवा अवस्था में ही मौत हो गई। इसके बाद डॉ. वेरा ने डॉक्टर बनने की ठानी ताकि किसी और बहन का भाई इस तकलीफ से ना गुजरे। डॉ. वेरा गेड्रोइट्स ने स्विट्जरलैंड में दवाइयों के बारे में पढ़ाई की थीं। डॉक्टर बनकर 20 वीं शताब्दी के अंत में वेरा गेड्रोइट्स लौटकर अपने देश रूस आई थीं। इसके बाद जल्द ही उन्होंने एक फैक्ट्री अस्पताल में सर्जन के रूप में अपना मेडिकल करियर शुरू किया।
दुश्मनों के बीच सैनिकों की जान बचाती थीं डॉ. वेरा
वर्ष 1904 में जब रूस-जापानी युद्ध शुरू हुआ, तो डॉ. गेड्रोइट्स ने रेड क्रॉस अस्पताल ट्रेन में एक सर्जन के रूप में अपनी स्वेच्छा से सेवाएं दीं। दुश्मन के खतरों के बीच डॉ. गेड्रोइट्स ने परिवर्तित रेलवे कार में स्थापित नीति के खिलाफ पेट की सर्जरी की, जिसमें वो सफल हुईं। अभूतपूर्व सफलता के साथ की गई ऑपरेशन के बाद रूसी सरकार ने उसे नए मानक के रूप अपनाया और जिससे युद्ध के मैदान की दवा के तरीके में बदलाव आया। युद्धक्षेत्र में सेवा देने के बाद गेड्रोइट्स ने रूसी शाही परिवार के लिए एक सर्जन के रूप में काम किया। 1929 में गेड्रोइट्स कीव विश्वविद्यालय में सर्जरी के प्रोफेसर के तौर पर नियुक्त हुईं।
इन सुधारों के लिए की थी पहल
डॉ. वेरा गेड्रोइट्स ने एक युवा चिकित्सक के तौर पर गेड्रोइट्स हाइजीन, पोषण और स्वच्छता को लेकर चिंतित थीं और स्थितियों में सुधार करने के लिए सिफारिशें कीं।
अपनी जिंदगी पर लिखी किताब
डॉ. वेरा सर्जन और मेडिकल प्रोफेसर के तौर पर सेवाएं देने के अलावा कई चिकित्सा रिसर्च भी कीं। वेरा गेड्रोइट्स की एक लेखक के रूप में उनकी प्रतिभा शिक्षाविदों तक सीमित नहीं थी। डॉ. गेड्रोइट्स ने 1931 के संस्मरण सहित कई कविताओं के कई संग्रह प्रकाशित किए हैं, जिसमें उनकी 1931 में आई अपनी बॉयोग्राफी ''लाइफ'' भी शामिल है। इस किताब में उन्होंने अपनी व्यक्तिगत यात्रा की कहानी को बताया है।