अच्छी खबर: ब्रिटेन में कोरोना वैक्सीन संक्रमण रोकने में 80 फीसदी कारगर

सोमवार को सामने आए आधिकारिक डाटा में इसकी जानकारी दी गई है

Update: 2021-03-02 12:43 GMT

फाइजर और ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन (Pfizer and Oxford-AstraZeneca vaccines) ब्रिटेन (Britain) में कोरोनावायरस (Coronavirus) संक्रमण को कम करने में काफी प्रभावी है. साथ ही बुजुर्ग लोगों में भी इसकी प्रभावकारिता देखने को मिली है. इस वैक्सीन के प्रयोग से अस्पतालों में भर्ती होने वाले लोगों की संख्या में 80 फीसदी की गिरावट हुई है. सोमवार को सामने आए आधिकारिक डाटा में इसकी जानकारी दी गई है.

'पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड रियल-वर्ल्ड' के अध्ययन के मुताबिक, 80 साल से अधिक उम्र के लोगों में वैक्सीन की एक खुराक भी 80 फीसदी प्रभावी है. एक खुराक वैक्सीन लगने के बाद व्यक्ति तीन से चार सप्ताह तक अस्पताल में भर्ती होने से बच जाता है. ये अध्ययन ऐसे समय में सामने आया है, जब फ्रांस और जर्मनी 65 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के इस्तेमाल को मंजूरी देने पर विचार कर रहे हैं. इन देशों ने वैक्सीन की प्रभावकारिता पर सवाल उठाते हुए इसे मंजूरी नहीं दी थी.
फाइजर 61 फीसदी तो एस्ट्राजेनेका 73 फीसदी तक प्रभावी
ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री मैट हैनकॉक (Matt Hancock) ने इस नए अध्य्यन की सराहना की है और इसे बहुत अच्छी खबर बताया है. उन्होंने बताया, विस्तृत आंकड़ों से पता चलता है कि पहली खुराक के 35 दिन बाद कोरोना संक्रमण से जो सुरक्षा मिलती है, वह फाइजर की तुलना में ऑक्सफोर्ड खुराक के लिए थोड़ी बेहतर है. अध्ययन के मुताबिक, फाइजर वैक्सीन की पहली खुराक के बाद संक्रमित होने का खतरा 57 और 61 प्रतिशत सुरक्षा मिलती है. वहीं, एस्ट्राजेनेका वैक्सीन 60 और 73 प्रतिशत तक सुरक्षा प्रदान करती है.
दो करोड़ लोगों को लगी वैक्सीन
ब्रिटेन में इन दोनों ही वैक्सीन की खुराक को लोगों को दिया गया है. अब तक करीब दो करोड़ लोगों को बड़े स्तर पर जारी वैक्सीनेशन अभियान के जरिए वैक्सीन खुराक दी गई है. ब्रिटेन में कोरोना का कहर बड़े पैमाने पर देखने को मिला है. अब तक ब्रिटेन में 1,23,000 लोगों की वायरस से मौत हो गई है. सोमवार को ब्रिटेन में 104 लोगों की संक्रमण के चलते मौत हुई. वहीं, 5,455 लोग वायरस से संक्रमित हुए. ब्रिटेन अगले सप्ताह से अपने तीसरे लॉकडाउन को खत्म करने वाला है. इसका लक्ष्य जून तक सामान्य जीवन में लौटना है.


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