UAE से गनी बोले- अगर मैं काबुल में रहता तो कत्लेआम मच जाता, मुझे भगोड़ा कहने वाले पूरी बात जान लें

Update: 2021-08-18 17:56 GMT

अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद देश छोड़कर चले गए राष्ट्रपति अशरफ गनी का पता लग गया है। वह अबू धाबी में हैं। बताया जा रहा है कि संयुक्त अरब अमीरात यानी यूएई ने उन्हें मानवीय आधार पर शरण दी है। इसकी पुष्टि यूएई ने खुद की। इसके थोड़ी देर बाद ही गनी ने अफगान लोगों के नाम संदेश जारी किया। उन्होंने कहा कि अगर मैं काबुल में रहता तो कत्लेआम मच जाता। मुझे भगोड़ा कहने वाले पूरी बात जान लें। रही बात पैसे लेकर भागने की, तो यह सिर्फ अफवाह है। इसमें कोई सच्चाई नहीं है।

गन ने कहा कि हमने बात की, पर कोई नतीजा नहीं निकला। यह हमारे और तालिबान नेतृत्व की विफलता है। मैं शांति से तालिबान को सत्ता सौंपना चाहता था, लेकिन मुझे मेरी इच्छा के खिलाफ देश से बेदखल किया गया। मैंने देश छोड़कर काबुल के को खून खराबे से बचाया। सुरक्षा वजहों से ही मैं अफगानिस्तान से दूर हूं।
गौरतलब है कि तालिबान ने दो दिन पहले काबुल स्थित राष्ट्रपति भवन पर कब्जा कर लिया था। इसके बाद राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश छोड़ने की जानकारी मिली। शुरुआत में बताया गया था कि वह ताजिकिस्तान चले गए, लेकिन वहां उन्हें शरण नहीं मिली।
चार कार और हेलिकॉप्टर में पैसा ले जाने की भी सूचना
बता दें कि अशरफ गनी के अफगानिस्तान छोड़ने के बाद कई अफवाहें भी सामने आईं। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया कि गनी अपने साथ चार कार और एक हेलिकॉप्टर में काफी पैसा ले गए। हालांकि, इसकी पुष्टि नहीं हुई।
अमेरिका ने अफगानिस्तान के हालात के लिए गनी को ठहराया जिम्मेदार
गौरतलब है कि अफगानिस्तान के संकट पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। उन्होंने अफगानिस्तान के ताजा हालात के लिए राष्ट्रपति अशरफ गनी को ही जिम्मेदार ठहराया था। बाइडन का कहना था कि अशरफ गनी बिना लड़े ही अपना देश छोड़कर चले गए।


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