जर्मनी ने भारत को दिए 120 वेंटिलेटर, स्पूतनिक वी की पहली खेप मिली 1.5 लाख खुराक

अन्य चिकित्सा आपूर्ति दिल्ली हवाई अड्डे पर पहुंची है।

Update: 2021-05-02 07:40 GMT

देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर से स्थिति गंभीर बनी हुई है। कोरोना की बेकाबू होती दूसरी लहर से लड़ने के लिए दुनिया के देश भारत की मदद कर रहे हैं। इसी कड़ी में शनिवार को भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट कर जर्मनी द्वारा भेजे गए 120 वेंटिलेटर की जानकारी दी।

उन्होंने ट्वीट कर कहा कि इस वैश्विक महामारी से लड़ने के लिए हम हमारे भरोसेमंद साथी और मित्र जर्मनी के साथ मिलकर काम कर रहे हैं और 120 वेंटिलेटर के उपहार के लिए जर्मनी का आभारी हूं।
सूत्रों के मुताबिक जर्मनी अगले हफ्ते एक मोबाइल ऑक्सीजन प्लांट भी भेजेगा साथ ही 13 जर्मन तकनीकी कर्मचारी भारत आए हैं जो प्लांट को लगाने में मदद कर रहे हैं और भारतीय तकनीकी कर्मचारियों को प्रशिक्षण दे रहे हैं। इसके साथ ही रेमडेसिविर और मोनोक्लोनल की एक खेप आना बाकी है।
अमेरिका से आया तीसरा शिपमेंट


विदेश मंत्रालय ने ट्वीट कर बताया कि संयुक्त राज्य अमेरिका से भारत में 1000 से अधिक ऑक्सीजन सिलेंडर, नियामकों और अन्य चिकित्सा उपकरणों को आए हैं। दो दिनों में तीसरा शिपमेंट है जो ऑक्सीजन की कमी पूरा करने में मदद करेगा।
उज्बेकिस्तान से आई मदद


भारत की मदद के लिए उज्बेकिस्तान से एक उड़ान, ऑक्सीजन सांद्रता और अन्य चिकित्सा आपूर्ति दिल्ली हवाई अड्डे पर पहुंची है।



स्पूतनिक वी की पहली खेप आई, 1.5 लाख खुराक मिली
रूसी टीका स्पुनतिक वी की पहली खेप शनिवार को भारत आ गई। इसे लेकर आए एक विमान हैदराबाद उतरा। देश में टीकों की कमी को देखते हुए भारत सरकार ने इसे मंजूरी दी थी। विदेश मंत्रालय के अनुसार पहली खेप में डेढ़ लाख खुराक भारत पहुंची है। वहीं, इसके बाद मध्य मई या माह के अंत तक 30 लाख खुराक और आएंगी। जून में 50 लाख खुराक और आएंगी।


Tags:    

Similar News

-->