देश में एक-एक रूसी राजनयिक को जर्मनी और स्वीडन ने दिया जबाव, अपने देश से किया बाहर

पिछले हफ्ते रूस ने अपने यहां से कई यूरोपीय राजनयिकों के निष्कासन का फैसला लिया था.

Update: 2021-02-09 02:57 GMT

जर्मनी और स्वीडन (Germany and Sweden) ने सोमवार को अपने-अपने देश में एक-एक रूसी राजनयिक को 'अवांछित शख्स' घोषित कर दिया. पिछले हफ्ते रूस ने अपने यहां से कई यूरोपीय राजनयिकों (European Diplomats) के निष्कासन का फैसला लिया था. रूस ने स्वीडन, पोलैंड और जर्मनी के राजनयिकों पर जेल में बंद विपक्षी नेता एलेक्स नवलनी (Alexei Navalny) के समर्थन में निकाली गई रैली में भाग लेने का आरोप लगाया था. नवलनी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Russian president Vladimir Putin) के प्रमुख राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी हैं.

स्वीडन की विदेश मंत्री एन्न लिंडे ने ट्वीट किया कि हमने रूसी राजदूत को सूचित किया है कि रूस में उनके दूतावास के एक व्यक्ति को स्वीडन छोड़ने को कहा गया है. यह बस अपना कर्तव्य निभा रहे स्वीडिश राजदूत के निष्कासन के अस्वीकार्य फैसले पर स्पष्ट प्रतिक्रिया है. वहीं जर्मनी के विदेश मंत्रालय ने कहा कि यूरोपीय राजनयिकों के निष्कासन का रूस का फैसला किसी तरह सही नहीं है.
तीनों देशों ने मिलकर लिया फैसला
मंत्रालय ने कहा कि जर्मन दूतावास के कर्मी 'मौके पर हो रहे घटनाक्रम से खुद को रूबरू रखने' से जुड़े राजनयिक संबंध के वियना संधि के तहत अपने अधिकारों के तहत ही काम कर रहे थे. मंत्रालय ने कहा कि पोलैंड, स्वीडन और यूरोपीय संघ की राजनियक सेवा के साथ मिलकर यह निर्णय लिया गया है. फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि पोलैंड ने भी ऐसा ही कदम उठाया है.
पुतिन के आलोचन एलेक्सी नवलनी की गिरफ्तारी का दुनिया के कई देश विरोध कर रहे हैं. पुतिन इन देशों से खासतौर पर नाराज चल रहे हैं. इसी के चलते 23 जनवरी को रूस के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए बताया कि अवैध प्रदर्शनों में हिस्सा लेने के लिए तीन देशों के राजनयिकों को निष्कासित करने का फैसला लिया गया है.
रूस के खिलाफ प्रतिबंध लगा सकता है यूरोपीय संघ
इसके बाद यूरोपीय संघ ने रूस के साथ अपने रिश्तों को सबसे निचले स्तर पर बताया. इस बात का भी अनुमान लगाया जा रहा है कि यूरोपीय संघ जल्द ही रूस के खिलाफ प्रतिबंधों की घोषणा करेगा. बता दें कि एलेक्सी नवलनी को पिछले महीने गिरफ्तार किया गया था जब पांच महीने बाद जर्मनी से रूस अपनी इलाज करवा कर लौटे थे.
उन्होंने आरोप लगाया है कि रूस के अधिकारियों ने उन्हें जहर देकर मारने की कोशिश की जबकि पुतिन इन आरोपों को खारिज कर चुके हैं. नवलनी को पैरोल की शर्तों का उल्लंघन करने के लिए हिरासत में लिया गया है. नवलनी की रिहाई के लिए मॉस्को समेत दूसरे शहरों में बड़े स्तर पर प्रदर्शनों का आयोजन हो रहा है.


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