नई दिल्ली । जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज ने विदेश मंत्री एस जयशंकर की यूरोप को लेकर पिछले साल की गई टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दी है। जयशंकर ने पिछले साल स्लोवाकिया में रूस-यूक्रेन युद्ध में भारत के रुख को लेकर एक सवाल पर कड़ा जवाब देकर यूरोप पर सवाल उठाया था। उन्होंने कहा था कि यूरोप को इस मानसिकता से बाहर निकलना होगा,
कि उसकी समस्याएं दुनिया की समस्याएं हैं, लेकिन दुनिया की समस्याओं से यूरोप को कोई लेना-देना नहीं है। रिपोर्ट के मुताबिक, जर्मन चांसलर ने विदेश मंत्री के इस बयान के संदर्भ में कहा कि जयशंकर ने एक अहम बात कही थी। स्कोल्ज ने कहा, भारतीय विदेश मंत्री का यह बयान इस साल की म्यूनिख सुरक्षा रिपोर्ट में शामिल है और उन्होंने एक अहम बात कही है कि अगर अंतरराष्ट्रीय संबंधों में सबसे मजबूत कानून मुखर होता है, तब यह केवल यूरोप की समस्या नहीं होगी। उन्होंने कहा कि यूरोप या उत्तरी अमेरिका को अगर भारत के लिए विश्वसनीय बनना है, तब केवल साझा मूल्यों पर जोर देना पर्याप्त नहीं है।
चांसलर ने कहा, हमें संयुक्त रुप से एक बुनियादी शर्त के रूप में इन देशों के हितों और चिंताओं को संबोधित करना होगा। और यही कारण था कि पिछले साल जून में जी-7 शिखर सम्मेलन में बातचीत की टेबल पर एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के प्रतिनिधियों का होना मेरे लिए महत्वपूर्ण था। हम सचमुच इन देशों के साथ मिलकर काम करना चाहते थे, ताकि वे रूस-यूक्रेन युद्ध, जलवायु परिवर्तन और कोविड-19 के कारण बढ़ती गरीबी और भुखमरी का सामना कर सकें।