मध्य प्रदेश के इंदौर में G20 राष्ट्रों ने अंतरराष्ट्रीय रोजगार, श्रम और कर्मचारियों की सुरक्षा के मद्देनजर बड़ा कमद उठाने का निर्णय किया है. श्रम, रोजगार और कर्मियों को सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्रों की मौजूदा अंतरराष्ट्रीय चुनौतियों का हल ढूंढने के मकसद से हिंदुस्तान की अध्यक्षता वाले जी20 समूह के रोजगार कार्य समूह (ईडब्ल्यूजी) की चौथी और आखिरी बैठक इंदौर में बुधवार से प्रारम्भ हो गई. ऑफिसरों ने बताया कि दो दिन तक चलने वाली यह बैठक ईडब्ल्यूजी की जोधपुर, गुवाहाटी और जिनेवा में आयोजित पिछली तीन बैठकों के प्रयासों को बल देकर मंत्रिमंडलीय घोषणा और रिज़ल्ट दस्तावेजों (मसौदा) को आखिरी रूप प्रदान करने पर केंद्रित है. इस बैठक में 86 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं.
अधिकारियों के मुताबिक हिंदुस्तान के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में ईडब्ल्यूजी की चौथी बैठक में स्वतंत्र रूप से अस्थायी कार्य और औनलाइन मंचों पर काम करने वाले कर्मियों (गिग और प्लेटफॉर्म कर्मचारी) से जुड़ी अर्थव्यवस्था, दोनों श्रेणियों के कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का फायदा देने तथा सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों को टिकाऊ वित्तपोषण प्रदान करने जैसे विषयों पर पिछली तीन बैठकों में हुई चर्चाओं को आखिरी रूप दिया जाएगा. हिंदुस्तान के श्रम और रोजगार मंत्रालय की सचिव आरती आहूजा जी20 के ईडब्ल्यूजी की अध्यक्ष हैं.
जी-20 राष्ट्र तैयार करना चाहते हैं अंतरराष्ट्रीय निवारण का खाका
आरती आहूजा ने ईडब्ल्यूजी की चौथी और आखिरी बैठक की पूर्व संध्या पर मंगलवार को बताया था, ‘‘हम जी20 के जरिये प्रयास कर रहे हैं कि अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) और आर्थिक योगदान और विकास संगठन (ओईसीडी) को एक खाका तैयार करने की जिम्मेदारी दी जाए. यह खाका इस बात पर केंद्रित होगा कि दुनिया के भिन्न-भिन्न राष्ट्रों में किस तरह के हुनरमंद लोगों का अभाव है और इस कमी को दूर करने के लिए लोगों को कौन-से हुनर सीखने की आवश्यकता है.’’ ऑफिसरों ने बताया कि हिंदुस्तान के श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव की अध्यक्षता में बृहस्पतिवार और शुक्रवार को जी20 समूह के राष्ट्रों के उनके समकक्षों की बैठक होगी. श्रम एवं रोजगार मंत्रियों के इस जमावड़े में ईडब्ल्यूजी के तय मसौदे को अपनाने पर चर्चा होगी. (भाषा)