भगोड़े नीरव मोदी ने प्रत्यर्पण के आदेश को चुनौती देने के लिए मांगी अनुमति, हाईकोर्ट में दी अर्जी
भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी ने भारत के लिए अपने प्रत्यर्पण के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करने की अनुमति मांगी है।
लंदन, भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी ने भारत के लिए अपने प्रत्यर्पण के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करने की अनुमति मांगी है। भारत की पंजाब नेशनल बैंक में करीब 14 हजार करोड़ रुपये का घोटाला कर भागे नीरव को भारतीय एजेंसियों की याचिका पर ब्रिटिश कोर्ट ने भारत भेजे जाने का आदेश दिया है। इस आदेश के आधार पर ब्रिटेन की गृह मंत्री प्रीति पटेल ने नीरव के प्रत्यर्पण के आदेश पर अप्रैल में दस्तखत किए हैं। नीरव ने इसी आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती देने के लिए अर्जी दी है।
भारतीय एजेंसियों की ओर से मामले की पैरवी कर रही क्राउन प्रोसिक्यूशन सर्विस (सीपीएस) ने नीरव की अर्जी की पुष्टि की है। लेकिन अर्जी पर फैसला लेने वाले हाईकोर्ट के न्यायाधीश ने अभी कोई कदम नहीं उठाया है। हाईकोर्ट के प्रशासनिक कार्यालय के अनुसार यह तय नहीं हुआ है कि नीरव की अर्जी पर कौन से न्यायाधीश सुनवाई करेंगे। ब्रिटिश न्यायिक व्यवस्था के अनुसार किसी फैसले को चुनौती देने के लिए पहले संबंधित कोर्ट से अनुमति लेनी होती है। कोर्ट देखती है कि मामले में फैसले को चुनौती देने के पर्याप्त कारण हैं या नहीं। इससे पहले फरवरी में वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट ने नीरव के प्रत्यर्पण का आदेश दिया था। हीरा कारोबारी पर धोखाधड़ी और धन को अवैध रूप से विदेश भेजने के आरोप हैं।
सूत्रों के अनुसार ताजी कानूनी प्रक्रिया से लंदन की जेल में बंद नीरव को भारत जाने से बचने के लिए कुछ और महीने मिल सकते हैं। उसे 19 मार्च, 2019 को लंदन में गिरफ्तार किया गया था।