बर्लिन: फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों रविवार से तीन दिनों की यात्रा पर जर्मनी में हैं। किसी भी फ्रेंच राष्ट्रपति की 24 साल में यह पहली जर्मनी यात्रा है। मैक्रों बर्लिन पहुंच कर सबसे पहले जर्मनी के उस महोत्सव में शामिल होंगे जहां संविधान के 75 साल पूरे होने का जश्न मनाने के लिए "लोकतंत्र महोत्सव" आयोजित किया जा रहा है।
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद पश्चिमी जर्मनी पर फ्रांस, ब्रिटेन और संयुक्त राज्य अमेरिका का कब्जा था और तभी संविधान का निर्माण हुआ था। मैक्रों और जर्मन राष्ट्रपति फ्रैंक-वाल्टर स्टीनमीयर महोत्सव में मंच पर चर्चा में शामिल होंगे। इसके बाद फ्रांसीसी नेता स्टीनमीयर के आधिकारिक आवास, बेलेव्यू पैलेस जाएंगे, जहां उनका सैन्य सम्मान के साथ स्वागत किया जाएगा। उसके बाद दोनों राष्ट्रपति की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी। बेलेव्यू पैलेस में रात को एक राजकीय भोज का भी आयोजन किया गया है।
मैक्रों की रविवार की यात्रा अगली यूरोपीय संसद के लिए चुनाव से पहले हो रही है। हाल के दिनों में फ्रांस और जर्मनी दोनों देशों में फार राइट यानी कट्टर दक्षिणपंथी समूहों का उदय देखा गया है, ऐसे में 6-9 जून के बीच होने वाले चुनाव में उनके अच्छा प्रदर्शन करने की संभावना है। यूरोपीय नीति निर्धारण में पेरिस और बर्लिन के बीच संबंध को लंबे समय से एक प्रेरक शक्ति के रूप में देखा जाता रहा है। लेकिन 2022 में चांसलर एंजेला मर्केल के राजनीति छोड़ने के बाद मतभेद उभरने लगे, हालांकि मैक्रों और जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ ने हाल ही में सहयोग में सुधार के प्रयास किए हैं।
यूरोपीय संघ ने ऋण और घाटे के नियमों में पिछले दिनों कई सुधार किये हैं और कई पर सहमति बनी है, लेकिन यूक्रेन के लिए सैन्य सहायता पर अभी भी मतभेद हैं। इसके अलावा, चीन और अमेरिका की संरक्षणवादी नीतियों पर भी यूरोपीय संघ में मतभेद हैं। मंगलवार को फ्रांसीसी और जर्मन मंत्रियों की होने वाली बैठक में इन जटिल सवालों पर चर्चा हो सकती है।
मैक्रों सात साल पहले फ्रांस में सत्ता में आए थे और 2027 के राष्ट्रपति चुनाव में तीसरे कार्यकाल के लिए योग्य नहीं हैं। साल 2000 के बाद से किसी फ्रांसीसी राष्ट्रपति की जर्मनी की यह पहली यात्रा है, हालांकि दोनों देशों के नेता किसी न किसी फोरम पर नियमित रूप से मिलते रहे हैं।